कब तक इलाज को तरसता रहेगा नेरवा

By: Nov 26th, 2017 12:15 am
चौपाल के केंद्र बिंदु नेरवा में अगर कोई बीमार हो जाता है तो आईजीएमसी जाने की नौबत आ जाती है। छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी शिमला का रुख करना पड़ता है। करीब 125 किलोमीटर के इस फासले ने अब न जाने कितनी जिंदगियां लील ली हैं। हालांकि सरकर ने अस्पताल को 50 बिस्तर का कर दिया है, पर घोषणाओं से मर्ज दूर नहीं होता। उसके लिए बेहतर डाक्टर, स्टाफ और उपकरणों की जरूरत होती है। आलम यह है कि तीन साल में अस्पताल का भवन तक नहीं बन पाया है। अब यहां के लोग नई सरकार आने के बाद उम्मीदें पूरी होने का सपना देख रहे हैं…

नेरवा, चौपाल – पांच साल बाद जब नई सरकार का गठन होता है तो लोगों को नई सरकार से कई ऐसी उम्मीदें होती हैं, जिन पर पूर्व सरकार खरा न उतर पाई हो। नेरवा तहसील के लोगों को भी नई सरकार से ऐसी ही ही कई सारी उम्मीदें हैं। हमेशा से विभिन्न सरकारों की उपेक्षा का शिकार रहे सिविल अस्पताल नेरवा के कायाकल्प की आस अब लोगों को नई सरकार से जगी है। यह अस्पताल उपमंडल चौपाल के केंद्र बिंदु पर स्थित होने के कारण अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। पूरे उपमंडल में कोई भी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल न होने के कारण यहां के लोग कई बार बेमौत मारे जाते रहे हैं। यही नहीं, यहां पर छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी मरीजों को आईजीएमसी शिमला रैफर कर दिया जाता है। नेरवा से शिमला की दूरी 125 किलोमीटर है, ऐसे में दुर्घटनाओं के दौरान घायल अथवा गर्भवती महिलाएं कई बार बीच रास्ते में ही दम तोड़ जाती हैं। लोगों की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 2014 में इस अस्पताल को स्तरोन्नत कर 50 बिस्तर का सिविल अस्पताल करने का ऐलान किया था। अस्पताल के स्तरोन्नत होने के बाद लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब मरीजों को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं भी क्षेत्र के अस्पतला में मिलनी शुरू हो जाएंगी, परंतु बीते तीन साल में लोगों की यह उम्मीद पूरी नहीं हो पाई है। अस्पताल के भवन निर्माण के टेंडर दो वर्ष पूर्व लग चुके हैं, परंतु इसका निर्माण  कार्य जिस गति से चल रहा है, उससे तो ऐसा लगता है कि यह आगामी पांच साल में भी मुश्किल से ही पूरा हो पाएगा। तीन मंजिला बनने वाले इस भवन के बीते डेढ़ साल में अभी तक भूतल के पिल्लर भी पूरे तरह से खड़े नहीं हो पाए हैं। लोगों को उम्मीद है कि नई सरकार के गठन के बाद न केवल इसके भवन के निर्माण कार्य में तेजी आएगी, अपितु नेरवा के लोगों को एक ऐसा सुपरस्पेशियलिटी सुविधाओं वाला अस्पताल मिलेगा, जिसमें कम से कम एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, आपरेशन जैसी तमाम सुविधाएं, सभी छोटे-बड़े टेस्ट की सुविधा के साथ-साथ विशेषज्ञ चिकित्सक भी मिल जाएंगे।

ये काम हो जाएं तो पूरी हो आस

  1. लास्टाधार में प्रस्तावित 66 केवी पावर सब-स्टेशन
  2. नेरवा में गैस एजेंसी
  3. लाल ढांक-पांवटा-रोहडू-रामपुर एनएच पर टायरिंग
  4. शिमला-नेरवा मार्ग की सैंज से फेदिल पुल तक मैटलिंग

5. नेरवा में 15 दिन के लिए एसडीएम व बीडीओ कार्यालय

6. चौपाल के केंद्र बिंदु नेरवा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला

7. चौपाल के पर्यटक स्थलों को विकसित कर रोजगार बढ़ाना

8. किसानों-बागबानों को बंदरों व जंगली जानवारों से निजात

9. नेरवा में पर्याप्त पार्किंग की सुविधा और बाइपास का निर्माण

10. स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त स्टाफ

सरकार के समक्ष फिर से की जाएगी पैरवी

नेरवा वार्ड की जिला परिषद् सदस्य वीना पोटन का कहना है कि नेरवा निःसंदेह चौपाल उपमंडल का केंद्र बिंदु है। यहां पर सशक्त स्वास्थ्य सुविधाओं का होना अति आवश्यक है। वह पूर्व में भी इसके लिए आवाज बुलंद करती रही हैं व नई सरकार के समक्ष भी इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाएंगी।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App