चिटफंड कंपनी में लोगों के करोड़ों फंसे

By: Nov 29th, 2017 12:15 am

जवाली  – पीएसीएल कंपनी के उपरांत एक और चिटफंड कंपनी के बंद होने की चर्चा जोरों पर है। उक्त चिटफंड कंपनी द्वारा लोगों को पांच साल पैसा दोगुना  करने का प्रलोभन दिया जाता था तथा किस्तों के हिसाब से भी पैसा जमा किया जाता था। इस कार्य को बढ़ाने के लिए कंपनी ने एजेंट रखे हुए थे, जो कि लोगों के घर में जाकर लोगों को  कंपनी की योजनाओं के बारे में बताते थे और उनके प्रलोभन में फंस कर लोग कंपनी में अपने पैसे का निवेश कर देते थे। चिटफंड कंपनी द्वारा लोगों को लोन इत्यादि भी दिया जाता था,जिसकी एवज में लोन लेने वाले व्यक्ति से उसकी जमीन के कागजात सहित गहने इत्यादि भी सिक्योरिटी के तौर पर ले लिए जाते थे। इस कंपनी में निवेशकों ने लाखों के हिसाब से पैसा लगाया हुआ है तथा उक्त कंपनी पिछले डेढ़ माह से इक्का-दुक्का ही कंपनी कार्यालय को खोल रही है। अगर उक्त चिटफंड कंपनी फुर्र हो जाती है तो इससे निवेशकों का करोड़ों रुपए नुकसान हो जाएगा। इसके अलावा उक्त चिटफंड कंपनी तो ऐसे करके करोड़ों रुपए कमा जाएगी।  शुरू-शुरू में उक्त चिटफंड कंपनी ने लोगों का जमा पैसा समयावधि पूरा होने पर लौटा भी दिया जिससे उक्त चिटफंड कंपनी पर निवेशकों को पहले से भी ज्यादा भरोसा हो गया। अब चिटफंड कंपनी में जिन निवेशकों  की किस्तों की मैच्योरिटी हो भी चुकी है, उनको भी पैसा नहीं दिया जा रहा है। मैच्योरिटी पूरी होने की एवज में ग्राहक कंपनी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं परंतु चिटफंड कंपनी के कार्यालय पर ताला ही लटका मिल रहा है। निवेशकों ने कहा कि मेच्युरिटी को हुए तकरीबन 6 माह से एक साल का समय हो गया है और अपने पैसे लेने के लिए वे कंपनी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं परंतु उनको पैसा नहीं दिया जा रहा है। निवेशकों के अनुसार उनको जवाब दिया जाता है कि मुख्य कार्यालय से ही पैसे नहीं आ रहे हैं। निवेशक अब चिटफंड कंपनी के कार्यालय का चक्कर काट कर थक चुके हैं। निवेशक एजेंटों के पास जा रहे हैं,तो एजेंट भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। जवाली की चिट फंड कंपनी के कार्यालय के मुख्य अधिकारी का फोन स्विच ऑफ आ रहा है तथा अन्य कोई कर्मी ढूंढे से भी नहीं मिल पा रहा है।  निवेशकों के अनुसार जब उक्त कंपनी के कांगड़ा स्थित कार्यालय के बारे में जानकारी ले रहे हैं तो यही पता चल रहा है कि उक्त कार्यालय भी बंद है। आखिरकार कंपनी द्वारा कार्यालय को नियमित न खोलना भी संदेह के घेरे में हैं और निवेशकों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है।

कहीं पीएसीएल जैसा हाल न हो…

कंपनी में लाखों रुपए लगाने वाले लोगों में असमंजस की स्थिति है कि कहीं पीएसीएल कंपनी की भांति यह भी फ्रॉड कंपनी तो नहीं थी। जवाली में इसके अलावा भी कई अन्य निजी कंपनी के कार्यालय हैं जिनमें लोगों का पैसा जमा किया जाता है। बुद्धिजीवियों ने मांग की है कि प्रशासन सख्ती से जवाली में ऐसी ही अन्य कंपनी की भी जांच करे और अगर कोई कंपनी फ्राड पाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए।


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