टैटू से स्किन टीबी एचआईवी का खतरा

By: Nov 26th, 2017 12:15 am

शिमला – आज के इस दौर में युवा फैशन में किसी से भी पीछे नहीं रहना चाहते। तब चाहे वह फैशन उनकी सेहत पर बुरा असर भी क्यों न डाल दे। इसी तरह आजकल युवाओं में टैटू बनाने का ऐसा क्रेज है कि वे बॉडी पर ग्रीन, रेड, ब्लू, गोल्डन कलर का टैटू बना रहे हैं। स्किन स्पेशलिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार अस्पतालों में स्किन संबंधित 50 प्रतिशत मामले स्किन टयूबरक्यूलोसिस के होते हैं, जो टैटू बनाने से होते हैं। स्किन विशेषज्ञों से मिली जानकारी के अनुसार टैटू में उपयोग किए जाने वाले कुछ कलर शरीर के लिए ज्यादा हानिकारक होते हैं। चिकित्सकों के अनुसार कई बार टैटू बनाने से इतना साइड इफेक्ट हो जाता है कि इससे एचआईवी तक होने का खतरा हो जाता है। प्रदेश में टैटू से साल में एक केस एचआईवी का भी आ जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर किसी को टैटू बनाने से ट्यूबरक्यूलोसिस हो जाता है, तो उन्हें छह महीने दवाई खानी पड़ती है। ट्यूबरक्यूलोसिस की इन दवाइयों से भी मरीज के शरीर पर साइड इफेक्ट होता है, जो स्वास्थय के लिए काफी है। टैटू बनाने से एचआईवी होने का खतरा भी रहता है। डाक्टरी सलाह के अनुसार लोगों को टैटू से दूर ही रहना चाहिए।

रेड खतरनाक

आईजीएमसी की स्किन स्पेशलिस्ट डा. मोदिता का कहना है कि लाल रंग का टैटू स्किन के लिए सबसे खतरनाक होता है। लाल रंग से ज्यादा बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। गोल्डन, ग्रीन, रेड, ब्लू टैटू भी हानिकारक है।

ब्लैक कलर सेफ

डा. मोदिता ने बताया कि ब्लैक रंग का टैटू स्किन के लिए ठिक रहता है। इससे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। लोगों को सलाह दी जाती है कि अगर वे टैटू बनाना चाहते हैं, तो ब्लैक कलर का ही टैटू बनवाएं।

टिप चेंज करवाना तो कभी न भूलें

विशेषज्ञ डा. मोदिता का कहना है कि जहां से भी टैटू बनाएं, वहां टैटू बनाने की मशीन से टिप जरूर चेंज करवाएं। शरीर की हड्डी वाली जगह टैटू न बनवाएं, क्योंकि यहां से टैटू मिटाना आसान नहीं होता और फिर इसे रेजर से मिटाया जाता है, जिससे बाद में संक्रमण का खतरा भी रहता है। विशेषज्ञ डा. मोदिता का कहना है कि आईजीएमसी में स्किन संबंधित 50 प्रतिशत मामले टैटू से संबंधित आते हैं। उनमें से ज्यादातर मरीज टैटू बनाने से स्किन ट्यबरक्यूलोसिस से ग्रसित होते हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App