तीन साल से पीडि़त पशुओं का इलाज

By: Nov 12th, 2017 12:01 am

गरली —  निकटवर्ती पंचायत बढलठोर का युवा नौजवान मंडल पिछले करीब तीन वर्षों से लगातार दर-दर की ठोकरें खा रहे बीमारी से पीडि़त लावारिस पशुओं का दिन-रात अपने जेबी खर्चे से उपचार करके न केवल समाजसेवा का परिचय दे रहा है, बल्कि हिमाचल भर के अन्य युवाओं के लिए यह एक बड़ी मिसाल है कि उन्हें भी इस नेक काम की शिक्षा लेते हुए आगे आना चाहिए। बढलठोर निवासी एवं मजदूर संघ के वरिष्ठ नेता हंसराज गुलेरिया व बीडीसी नीना शर्मा सहित अन्य लोगों ने बताया कि स्थानीय गांव के मुनीष गुलेरिया, संपत कुमार, सतीश कुमार, जोगिंद्र सिंह सहित अन्य युवा मिलकर जिला भर में लोगों द्वारा ठुकराए हुए बेजुबान बीमारी से पीडि़त लावारिस पशुओं को वहां से अपने  घर लाकर उनका उपचार करके उन्हें  नया जीवनदान दे रहे हैं। बीडीसी सदस्य नीना शर्मा ने बताया कि इन दिनों वह ऐसे ही तीन लावारिस बैलों की रात-दिन उपचार सेवा में जुटे हुए हैं और इनके पांव बुरी तरह जख्मी होने के कारण कीडे़ पडे़ हुए हैं। ये बैल अलग-अलग पंचायतों में पिछले कई दिनों से लगातार बीमारी के कारण एक ही जगह पर भूखे-प्यासे रह कर जिंदगी व मौत से जूझ रहे थे और जब किसी  ग्रामीण ने उन्हें जानकरी दी, तो उन्होंने तुरंत किराए पर गाड़ी करके उक्त तीनों लावारिस बैलों को यहां अपने गांव में बनी गोशाला में ले आए और तभी से उक्त नौजवान इन पीडि़त लावारिस पशुओं की सेवा में लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि अब ये बैल ज्यादातर ठीक हो चुके हैं और पूर्ण रूप से ठीक होते ही ये नौजवान वहीं छोड़कर आएंगे, जहां से इनको लेकर आए थे। इसी तरह उक्त नौजवान युवा पिछले तीन वर्षों से लगातार अपनी समाजसेवा के काम पर लगे हुए हैं, वहीं उक्त युवा नौजवानों के इस नेक काम को देखते हुए और लोग भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं।


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