नयनादेवी… दो कालेजों से बढ़ी टेंशन

By: Nov 30th, 2017 12:05 am

श्री नयना देवी — विख्यात तीर्थ स्थल श्रीनयनादेवीजी में चल रहे दो कालेजों में से एक को हटाने की मांग उठने लगी है। अब इन कालेजों में शिक्षा लेने के लिए छात्रों को भी यह पता नहीं चलता कि वे किस कालेज में शिक्षा ग्रहण करें अब जबकि हिमाचल में विधान सभा के चुनाव हो चुके हैं ऐसे में लोगों ने आस बंधी है कि नई सरकार इसका हल जरूर निकालेगी। गौर हो कि वर्तमान समय में नयनादेवी में सरकारी कालेज तथा प्राइवेट कालेज चल रहे हैं ऐसे में नयनादेवी में दोनों कालेजों को लेकर विचित्र स्थिति पैदा हो गई है अभी एक वर्ष पहले ही हिमाचल सरकार ने नयनादेवी में नया सरकारी कालेज खोला है। जबकि आवश्यकता यह थी कि जो पुराना कालेज जहां चल रहा था उसे ही टेक ओवर किया जाता तथा वहां पर कार्यरत स्टाफ , विद्यार्थियों तथा प्रदेश सरकार के लिए भी अच्छा होता परंतु यहां पर 100 मीटर की दूरी पर एक प्राइवेट कालेज भी चल रहा है जो कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के तत्त्वावधान में है तथा 23 जून 2000 से श्रीनयनादेवीजी में यहां प्राइवेट कालेज कार्यरत है, जिसे माता नयनादेवीजी के एक श्रद्धालु लाला रुलदू राम जी ने शुरू किया तथा 16 साल लगातार चलते हुए इस कालेज को हो गए हैं। उस समय हिमाचल सरकार ने इस कालेज भवन के निर्माण, खेल के मैदान तथा प्रशासनिक कार्यालय के लिए 15 बीघा जमीन दी थी तथा आज तक भी सरकार एवं स्थानीय जनता से एक भी पैसा लिए बगैर इस कालेज को चलाया जा रहा है। अतः इस कालेज ने इस क्षेत्र की जनता की निःस्वार्थ भाव से सेवा की है। अब लुधियाना एजुकेशनल ट्रस्ट भी इस कालेज को सरकार को देना चाहते हैं तथा उन्होंने इस के लिए सरकार को लिखित एवं मौखिक रूप से भी अवगत करवाया है तथा यह भी आश्वासन दिया गया कि कालेज का पूरा भवन पूरी जमीन ज्यों की त्यों सरकार टेक ओवर करे क्योंकि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त ऐसे कई कालेज हैं, जिन्हें सरकार ने समय-समय पर टेक ओवर किया है। इसमें कालेज की सारी संपत्ति सरकार की हो जाती है तथा वहां पर जो स्टाफ  काम करता है उसे सरकार अपने अधीन ले लेती है, परंतु नयनादेवी में एक ऐसा निर्णय लिया गया जो कि स्थानीय जनता की समझ से परे हैं यहां मां नयनादेवी के श्रद्धालुओं के चढ़ावे की धनराशि से बनाए गए भवन, मातृछाया में यह सरकारी कालेज शुरू किया गया है। जबकि यह भवन गरीब श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए बनाया गया था इस भवन की एक मंजिल में पहले से ही आईटीआई क्लासेज चली हुई हैं। अब दूसरी मंजिल में कालेज शुरू किया जा रहा है। इस कारण श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने का जो एक प्रावधान किया गया था वे समाप्त हो गया है। इस पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक रणधीर शर्मा ने कहा यह निर्णय सही नहीं था तथा भारतीय जनता पार्टी की सरकार अगर सत्ता में आती है तो वो इस समस्या से लोगों को निजात दिलाएंगे तथा क्षेत्र में एक ही कालेज चले तथा सही तरीके से चले यह सरकार की मंशा रहेगी तथा पुराने कालेज को इस कालेज में मर्ज कर होने से इससे न केवल सरकार का करोड़ों रुपए बचेगा बल्कि जो लोग संस्था में काम कर रहे हैं उनका भी रोजगार बरकरार रहेगा।


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