न पब्बर का तटीकरण न बन पाए सब-स्टेशन

By: Nov 30th, 2017 12:01 am

रोहड़ू – दो साल पहले रोहडू के लोगों को बड़ा तोहफा दिया गया। इसके तहत बिजली की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए दो बिजली सब-स्टेशनों के शिलान्यास किए गए। वहीं दो साल पहले ही पब्बर नदी के रौद्र रूप को नियंत्रित और इसके उपजाऊ क्षेत्र को बढ़ाने के लिए 190.82 करोड़ रुपए की लागत से पब्बर नदी तटीयकरण परियोजना का शिलान्यास चिड़गांव के मांदली में किया गया। तीनों ही योजनाओं पर आज तक विकास के नाम पर पत्थर तक नहीं लगाया गया है। चुनावी दिनों पर भाजपा ने भी कांग्रेस सरकार को खूब खरीखोटी सुनाने में कोर कसर नहीं छोड़ी है। वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता हर केंद्र सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ते रहे। बहरहाल आने वाले पांच साल में व आने वाले सरकार के लिए रोहडू तीनों परियोजनाओं को पूरा करना एक कड़ी चुनौती भी होगा। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अतर्गत पब्बर नदी को छौहारा के टिक्करी से हाटकोटी तक 27 किलोमीटर तक के दायरे में 190.82 करोड़ की लागत से विकसित किया जाना निश्चित है, जिसके लिए कुल आर्थिक लागत का 70 फीसदी राशि का योगदान केंद्र सरकार का होगा। शेष 30 फीसदी पैसा राज्य सरकार का खर्च होगा। विभाग के मुताबिक केंद्र की ओर से पैसा नहीं आया और कार्य को शुरू नहीं किया जा सका है। रोहडू उमंडल मे अभी तक नोगली स्थित पावर स्टेशन से आ रही  66 केवी लाइन के लिए एक मात्र सब-स्टेशन समोली है, जहां से उपमंडल के दूरदराज सहित क्षेत्रों के लिए बिजली आबंटित होती है। एक सब-स्टेशन होने से कम फीडर है और किसी दूरदराज क्षेत्र में बिजली फाल्ट आने से कई क्षेत्रों की बिजली गुल रहती है। दो सब-स्टेशन होने से फीडर बढ़ेंगे तो समस्या भी टल जाएगी।

662 करोड़ की संपदा होगी सुरक्षित

पब्बर नदी के तटीकरण होने से टिक्करी से कुड्डू तक रिवर राफ्टिंग, मत्स्य पालन के साथ-साथ दोनों तटों पर सदियों से बेकार पड़ी सैकड़ों हेक्टेयर भूमि किसानों को लौटा दी जाएगी और 27 किलोमीटर के दायरे में कुल 662 करोड़ की संपत्ति को भी बचाया व सुरक्षित किया  जाएगा। जिसमें 177.6815 हेक्टेयर कृषि भूमि, 24 किमी सड़क, 6 पुल, 2000 रिहायशी मकानों, 2 पनबिजली परियोजनाओं, 19 उठाऊ पेयजल योजनाओं, एक सीवरेज प्लांट पर होने वाले खतरे को भी सुरक्षित किया जाएगा। अधिशासी अभियंता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंडल रोहडू सत्यापाल शर्मा का कहना है कि पब्बर नदी के तटीकरण के लिए कुल लागत में से 70 फीसदी  केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित है। अब तक विभाग को केंद्र से एक भी पैसी नहीं मिल पाया है।  कांग्रेस  ने रोहडू व चिड़गांव में दो सब-स्टोशनों को शिलान्यास  अक्तूबर 2015 में किया और अब तक विधानसभा क्षेत्र की जनता लाभान्वित नहीं हुई। कांसाकोटी में अब तक निर्माण के नाम पर एक पत्थर तक नहीं लगाया गया है, जबकि चिड़गांव में कार्य तो शुरू हुआ, लेकिन इसे आगे नहीं किया जा रहा है।


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