प्रतिभागियों को बांटे प्रमाण पत्र

By: Nov 27th, 2017 12:05 am

नौणी  — हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला के पचास किसानों ने पिछले दिनों नौणी स्थित डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय में छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। यह प्रशिक्षण, बागबानी फसलों का उत्पादन प्रौद्योगिकी विषय पर आधारित था और सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) द्वारा प्रायोजित किया गया था। नौणी विवि ने लघु अवधि कौशल विकास प्रशिक्षण देने के लिए एसजेवीएन के साथ एमओयू किया हुआ है, जिसके तहत इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय ने किया। इस कार्यक्रम में भाग ले रहे किसान किन्नौर की ट्रांडा और निचार पंचायतों से हैं। डा. जितेंद्र चौहान और डा. मोनिका तोमर जो इस कार्यक्रम के समन्वयक थे ने बताया कि किसानों को बागबानी उत्पादन तकनीक का पूरा पैकेज, जिसमें फलों के पेड़ों की छंटाई आदि शामिल है का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में विदेशी सब्जियों के उत्पादन की गुंजाइश पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। फील्ड दौरे के अलावा, प्रतिभागियों को विशेषज्ञों के व्याख्यान सुनने का भी मौका प्रदान किया गया। नौणी विवि के विस्तार शिक्षा निर्देशक डा. विजय सिंह ठाकुर ने अपने व्याख्यान में सेब की फसल से जुड़ी बीमारियों के बारे में प्रतिभागियों को बताया। छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सेब में उच्च घनत्व पौधारोपण के अलावा, फूलों की खेती व उसका प्रचार, नर्सरी उत्पादन और क्लोनल रूट स्टॉक्स जैसे विषयों पर भी ज्ञान प्रतिभागियों से साझा किया गया। इसके अलावा प्रशिक्षण के दौरान मधुमक्खी पालन, फसल की कटाई के बाद का सही संचालन, कृषि वानिकी तकनीकों पर ज्ञान दिया गया। शिविर में भाग ले रहे किसानों को एक्सपोजर विजिट के दौरान चंबाघाट स्थित मशरूम रिसर्च निदेशालय और कृषि विज्ञान केंद्र, कंडाघाट ले जाया गया। समापन समारोह में संयुक्त निदेशक (संचार) डा. राज कुमार ठाकुर, ने इस तरह के आयोजन का महत्व समझाया और कौशल विकास गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रशिक्षुओं को प्रेरित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और प्रशिक्षण किट भी वितरित किए।


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