भारत में 80 लाख लोग मिर्गी से पीडि़त
अमृतसर — विश्व मिर्गी दिवस के अवसर पर स्थानीय रणजीत एवेन्यू में एक जागरूकता सेमिनार व मुफ्त मेडिकल कैंप मानसिक रोगों के माहिर डा. हरजोत सिंह के नेतृत्व में लगाया गया। डा. हरजोत सिंह ने कहा है कि लोगों में मिर्गी संबंधी गलत धारणाएं बनी हुई हैं कि मिर्गी का रोग ठीक नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि ऐपीलिप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है, जिसमें रोगी को बार-बार दौरे पड़ते है। एक विकार, जिसमें मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं की अवस्था बिगड़ जाती है, जिससे दौरे पड़ते है। दौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है। उन्होंने बताया कि मिर्गी का दौरा पड़ने पर रोगी को खुली वायु में ले जाए, दाएं यां बाएं करवट लिटा दे, मुंह पर पानी की छींटे मारे, दातों में कपड़ा या चम्मच रख दें, ताकि दांत लगने से जीभ न कटने पाएं। इस दौरान कुछ भी खिलाने – पिलाने का प्रयास न करें। डा. हरजोत ने बताया कि विश्व में लगभग पांच करोड़ व्यक्ति इस बीमारी के शिकार है। एक सर्वे के अनुसार भारत में 60 लाख से 80 लाख व्यक्ति मिर्गी की बीमारी से ग्रस्त हैं। उन्होंने बताया कि मिर्गी किसी एक बिमारी का नाम नहीं है अनेक बीमारियों में मिर्गी जैसे दौरे आ सकते हैं। मिर्गी के सभी मरीज एक जैसे भी नहीं होते। इस अवसर पर रणजीत कौर, राजविंद्र कौर, निधी चौहान, मैडम सिमी, केवल कृष्ण, अनुराग मोहन, राजविंद्र कौर, किरनबीर कौर, गुरप्रीत सिंह शेरा, एबीएम भारत धवन आदि उपस्थित थे।
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