योल के बाशिंदों को देना होगा गृह कर

By: Nov 19th, 2017 12:01 am

हाई कोर्ट ने कर बढ़ाने पर छावनी प्रशासन के हक में दिया फैसला

योल   – गृह कर वृद्धि को लेकर योल वासियों को माननीय उच्च न्यायालय की ओर से जोरदार झटका लगा है। गृह करों को लेकर फैसला छावनी प्रशासन के हक में आया है। अब छावनी निवासियों को वर्ष 2010 से 2017 तक का गृह कर तीन महीने के भीतर चुकाना पड़ सकता है। प्रशासन द्वारा वर्ष 2013 में गृह करों की दरों में कई गुना वृद्धि कर दी थी। इस वृद्धि को वर्ष 2010 से लागू कर लोगों को नोटिस जारी कर गृह कर भरने के आदेश दे दिए थे। इससे पहले जहां छावनी प्रशासन साढ़े सोलह हजार रुपए वार्षिक गृह कर वसूलता था, जिसे बढ़ाकर लगभग 25 लाख कर दिया गया।  लगभग 1500 घरों में से 90 घरों को शून्य, 500 घरों से 40 रुपए से 500 रुपए, जबकि एक संस्था को 20 हजार रुपए वार्षिक कर तक कर लगाया गया है। इस संदर्भ में गृह कर न भरने वालों के खिलाफ धर्मशाला न्यायालय से भी कर भरने के आदेश जारी हुए थे, जिस पर ग्राम सुधार सभा ने वर्ष 2014 में उच्च न्यायालय शिमला में अपील दायर की थी। तीन वर्ष पश्चात आए फैसले से छावनी निवासियों को जोर का झटका लगा है। लोगों ने गृह कर की दरों के खिलाफ कई बार छावनी बोर्ड चुनावों का बहिष्कार कर छावनी प्रशासन से अलग होने के लिए अपने आंदोलन को तेज किया, जिसकी एवज में केंद्र सरकार ने सैद्वांतिक मंजूरी भी दी थी, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है। अब मुश्किल यह है कि छावनी बोर्ड में जनता का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं है। इस संदर्भ में ग्राम सुधार सभा के प्रवक्ता सुजान सिंह कागरा ने कहा कि शीघ्र राघाकृष्ण मंदिर में गांववासियों की आपात बैठक बुलाकर अगली रणनीति बनाई जाएगी। उधर, वहीं छावनी बोर्ड की टेक्स इंस्पेक्टर पंचम लता ने कहा कि शीघ्र लोगों को नोटिस जारी किया जाएगा। लोग अपना गृह कर कार्यालय में आकर भी देख सकते हैं।


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