विदेशी बैंकों पर रोक विकास में अडंगा
वाशिंगटन— वर्ष 2007-09 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद से विकासशील देशों में काम कर रहे विदेशी बैंकों पर लगाई गई पाबंदियां बेहतर वृद्धि संभावनाओं बाधित कर रहे हैं। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इससे उन्हें वित्त की सबसे ज्यादा जरूरत वाले आवासीय और कंपनी क्षेत्र को कर्ज का प्रवाह सीमित होगा। विश्व बैंक ने ‘वैश्विक वित्तीय विकास रिपोर्ट 2017-18 सीमारहित बैंकर’ में कहा गया है कि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग के उल्लेखनीय लाभ हो सकते हैं। हालांकि, यह कोई रामबाण इलाज नहीं है और इसमें जोखिम भी है। रिपोर्ट के मुताबिक विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के नीतिनिर्माता सीमा पार बैंकिंग की लागत को न्यूनतम करते हुए इसके लाभ को अधिकतम करने पर विचार कर और बेहतर काम कर सकते हैं। विश्व बैंक के समूह अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग से दूसरे देशों में अस्थिरता निर्यात का जोखिम बनता है, विशेषकर उन देशों में जहां नियम कानून और नियामकीय संस्थाएं कमजोर हैं। ऐसे में इन जोखिमों को कम करने की जरूरत है, लेकिन बिना किसी प्रतिस्पर्धी बैंकिंग के गरीब आम वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बनाने में भी सक्षम नहीं होगा। कई व्यापार बाजार से बाहर हो जाएंगे और विकासशील देशों की वृद्धि रुक जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार एक जीवंत और गतिशील निजी क्षेत्र के लिए बैंक वित्त आवश्यक है विशेषकर छोटे और मध्यम आकार के कारोबारों को पोषित करने के लिए यह जरूरी अवयव है।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App