शिमला में डोर-टू-डोर गारबेज स्कीम फेल

By: Nov 13th, 2017 12:05 am

सीपीआई शहरी कमेटी ने लगाया आरोप, सैहब सोसायटी पर भी मंडरा रहे संकट के बादल

शिमला  – शिमला में सफाई व्यवस्था पटरी से उतर गई है। सैहब कर्मचारियों द्वारा नौकरी छोड़ने से शहर में डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन योजना भी फेल हो रही है। जो आए दिन जनता के लिए परेशानी का सबब बन रही है। यह आरोप सीपीआई(एम) शिमला शहरी कमेटी ने लगाया है। सीपीआई(एम) शिमला शहरी कमेटी के सचिव बलबीर पराशर ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब से नगर निगम में भाजपा सत्ता में आई है तब से शिमला शहर में सफाई व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। सैहब सोसायटी से भी कई कर्मचारियों द्वारा नौकरी छोड़ने के कारण डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की योजना फेल हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नगर निगम में जानबूझकर व सोची समझी साजिश के तहत सैहब सोसायटी के कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं कर रही, ताकि सैहब सोसायटी को फेल किया जा सके व इसके स्थान पर सफाई व्यवस्था के काम का निजीकरण कर कुछ चहेते ठेकेदारों को दिया जा सके। भाजपा ने सत्ता में आने के तुरंत बाद ही निगम हाउस में कुछ वार्डों में सफाई व कूड़ा उठाने के काम को पायलट प्रोजेक्ट के तहत निजी ठेकेदारों को देने का प्रस्ताव लाई थी। सीपीआई(एम) शहरी सचिव बलबीर पराशर ने आरोप लगाया है कि भट्टाकुफर, संजौली, इंजनघर, लक्कड़ बाजार, खलीनी, पंथाघाटी, मालरोड, लोअर बाजार, समरहिल, कच्चीघाटी आदि क्षेत्रों में कई दिनों से नियमित रूप से कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है और न ही कूड़े की गाडि़यां समय पर पहुंच रही हैं, जिससे शहर में लगातार गंदगी फैल रही है। उन्होंने आरोप लगाया  है कि यही भाजपा के आम जनता के लिए अच्छे दिन है। भाजपा ने जो वादे किए थे आज उनके महापौर व उपमहापौर उसमें खरे नहीं उतर पा रहे हैं। शहर में आम जनता के कोई भी कार्य नहीं हो पा रहें हैं। शहर में हर जगह गंदगी पसरी है। भाजपा नेता व महापौर व उपमहापौर मात्र कभी-कभी दिखावे के लिए झाड़ू पकड़कर स्वच्छ भारत अभियान का ढिंढोरा पीटते हैं, जबकि हकीकत कुछ और ही बयान करती है। सीपीआई(एम) शहरी सचिव बलबीर पराशर ने कहा कि यदि समय पर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त न किया गया तो पार्टी आम शहरवासियों को लामबंद कर नगर निगम के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी।


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