आज तय होगा हिमाचल के दो धुरंधरों का राजनीतिक भविष्य

By: Dec 18th, 2017 12:10 am

वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल के लिए निर्णायक दिन, नतीजे लिखेंगे अगली सियासत

हमीरपुर— दशकों से हिमाचल की राजनीति में जमे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व भाजपा के सीएम उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल के लिए नतीजों का दिन सबसे खास होगा। कई चुनौतियों के बावजूद वीरभद्र सिंह को कांग्रेस हाइकमान से चुनाव से पहले, जबकि भाजपा ने मोदी फैक्टर के गायब होते देख केंद्रीय भाजपा ने ऐन मौके पर धूमल पर दांव लगाया है। इस कारण विधानसभा के नतीजे प्रेम कुमार धूमल और उनके परिवार के लिए अहम माने जा रहे हैं। इन चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत यह साबित कर देगी कि हिमाचल में मोदी से बड़ा धूमल फैक्टर है, जबकि कांग्रेस की जीत वीरभद्र सिंह की विश्वसनियता पर पुख्ता मुहर लगाएगी। कांटे की टक्कर के नतीजे आने पर जीत का श्रेय धूमल फैक्टर की बजाय सत्ता विरोधी लहर को जाएगा। इन दोनों परिस्थितियों के उलट अगर चुनावी नतीजे विपरीत आते हैं तो भाजपा के साथ खुद धूमल का सियासी सफर भी इससे तय होगा। जाहिर है कि ऐन मौके पर प्रेम कुमार धूमल के नाम का ऐलान होने से हिमाचल भाजपा में कई नए समीकरण बना गया। सीएम की घोषणा के बाद भाजपा ने कई विधानसभा सीटों  पर अपनी जबरदस्त वापसी का दावा किया है, वहीं कांग्रेस ने पूर्व की तरह वीरभद्र सिंह के स्टार प्रचार होने के लाभ का दावा किया है। कुछ एग्जिट पोल में हिमाचल में भाजपा की एकतरफा जीत बताई गई, कुछ में कांग्रेस के साथ अच्छी टक्कर दिखाई गई। यह रुझान अगर नतीजों में स्टीक बैठते हैं तो प्रेम कुमार धूमल तीसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बनेंगे। वीरभद्र सिंह पिछले 50 वर्ष से सक्रिय राजनीति में हैं और अब तक छह बार सीएम पद संभाल चुके हैं, वहीं इस समय प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता हैं। वर्ष 1998 में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने प्रेम कुमार धूमल अब तक सीएम तथा नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। इन चुनावों में भाजपा ने किसी भी चेहरे के नाम पर चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था। भाजपा की आखरी समय तक यही रणनीति थी कि मोदी फैक्टर को भुनाकर हिमाचल में विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा, लेकिन इसी बीच विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्टिंग  के बाद अमित शाह को नाहन में धूमल के नाम की घोषणा करनी पड़ी।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App