गरीबी में बीता बचपन, भूखे-प्यासे भी कटे दिन

By: Dec 25th, 2017 12:15 am

किताबें खरीदने के लिए नहीं होते थे पैसे, परिवार नहीं चाहता था राजनीति में आए जयराम

मंडी – प्रदेश के नए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर राजनीति की सबसे ऊंची कुर्सी पर पहुंच गए हैं, लेकिन उनका पूरा जीवन एक संघर्ष की ही कहानी है। जयराम ठाकुर सादगी और ईमानदारी की भी जीती जागती तस्वीर हैं। राजनीति के 24 वर्षों में जयराम ठाकुर ने बेशक तेज गति से प्रगति की है, लेकिन एक वह भी दौर था जब जयराम का बचपन व जवानी भूख व प्यास के बीच गुजरी। कभी किताबों के लिए पैसे नहीं होते थे तो कभी कैंटीन में चाय पीने के लिए जेब खाली होती थी। कभी दोस्तों से उधार तो कभी अपनों की मदद उनके काम आती थी, लेकिन आज वह समय बदल चुका है और अगर कुछ नहीं बदला है तो वह हिमाचल के नए मुख्यमंत्री की सादगी। विधायक बनने के बाद भी कई वर्षों तक जयराम ठाकुर ने अपना पुश्तैनी घर व कमरा नहीं छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपना संकट भरा समय बिताया था। यही वजह है उनसे दूर रहने वाले भी जयराम ठाकुर की सादगी व आम इनसान की पहचान की मिसाल देते हैं। उनके संग रहने वाले लोग कहते हैं कि जयराम ठाकुर ने कभी किसी कार्यकर्ता से ऊंची आवाज में बात तक नहीं की है। विरोध व षड्यंत्र होने के बाद भी जयराम ठाकु र ने हमेशा इन बात को अनदेखा किया है। कालेज में उनके संग पढ़ने वाले सहपाठी कहते हैं कि जयराम ठाकुर जैसे उस समय थे, वैसे ही आज हैं। न तो उनके चेहरे से वह मुस्कान गायब हुई और न ही उनका स्वभाव बदला। छोटी सी चाय की दुकान पर बैठकर चाय पीना और किसी भी ढाबे पर कार्यकर्ताआें संग भोजन करना आज भी जयराम ठाकुर की दिनचर्या में शामिल है। मंडी कालेज में विद्यार्थी परिषद का काम करते हुए हिमाचल के नए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राजनीति के गुर सीखने की शुरूआत की थी। यही कारण है कि कि मंडी की युवा राजनीति व संगठन की राजनीति पिछले पांच वर्षों से जयराम ठाकुर के इदगिर्द ही घूमती आ रही है। महज 28 वर्ष की उम्र में 1993 में जयराम ठाकुर ने पहली बार सराज से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गए थे। कहते हैं कि उस दौर में सराज में भाजपा के पोस्टर लगाने वालों को बख्शा नहीं जाता था, लेकिन चुनाव हारने के बाद जयराम ठाकुर पांच वर्ष तक लगातार लोगों के बीच में डटे रहे थे और इस कारण उन्हें अगले चुनाव में जीत मिली थी।

अध्यापक बोले, सोचा था अफसर बनेगा जयराम

जयराम ठाकुर को पढ़ा चुके अध्यापक लालू राम बताते हैं कि जय राम ठाकुर बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी थे। सभी अध्यापक यही सोचते थे कि जय राम ठाकुर किसी अच्छी पोस्ट पर जरूर जाएंगे। लेकिन अध्यापकों को यह मालूम नहीं था कि उनका स्टूडेंट प्रदेश की राजनीति का इतना चमकता सितारा बन जाएगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App