छह ट्रीटमेंट प्लांट पर…पीलिया से पुराना नाता

By: Dec 3rd, 2017 12:05 am

शिमला  — शिमला में सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने की दरकार है। शहर के कुछ प्रमुख क्षेत्रों सहित शिमला के प्लानिंग एरिया के कई क्षेत्र सीवरेज से नहीं जुड़ पाए है। वहीं, यहां सीवरेज प्रबंधन भी बड़े स्तर पर नहीं है। शिमला में छह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) काम कर रहे है। इन ट्रीटमेंट प्लांट से कई बार वेस्ट पानी के खुले या नाले में बहने के मामले सामने आ चुके है, जो शिमला में जल जनित रोगों का कारण बन चुके है। शिमला में ढली, मत्याना, लालपानी, गोल्छा, समरहिल और स्नोडन में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित है। हालांकि मौजूदा समय में सभी ट्रीटमेंट प्लांट चालू है। मगर पूर्व में कई बार उक्त ट्रीटमेंट प्लांट से वेस्ट पानी के खुले या नाले में बहने के मामले सामने आ चुके है। यही वजह शहर में जल जनित रोगों का कारण बनता रहा है। वर्ष 2015 में अश्वनी खड्ड पेयजल परियोजना में सीवरेज का पानी मिलने से शहर में पीलिया ने कहर बरपा दिया था। उस समय शहर के एक तिहाई हिस्सा इसकी चपेट में आ गया था। इससे जहां करीब दो दर्जन लोगों की जाने गई थी। वही, हजारों लोग इससे प्रभावित हुए थे। हालांकि मौजूदा समय में भी अश्वनी खड्ड में पानी की पंपिंग आरंभ नहीं हुई है। मगर पीलिया के कहर बरपाने के बावजूद प्लानिंग एरिया सहित शहर के कुछ क्षेत्रों में डिस्पोजल की आधुनिक व्यवस्था नहीं हो पाई है।

भरयाल में डंप होता है शहर का कूड़ा

शिमला शहर के कूड़ा भरयाल में डम्प होता है। शहर में डोर-टू-डोर गारवेज कलेक्शन योजना के तहत घरों से कूड़ा एकत्रित किया जाता है। इससे वाहनों द्वारा भरयाल तक पहुंचाया जाता है। शहर से रोजाना 70 से 80 टन कूड़ा भरयाल तक पहुंचाया जाता है। यहीं पर सारे शहर का कचरा ठिकाने लगाया जाता है।

शहर के लिए प्रोजेक्ट तैयार

शिमला शहर में सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अब विश्व बैंक से मदद ली जा रही है। विश्व बैंक प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए बकायदा ग्रेटर शिमला वाटर सप्लाई एंड सीवरेज ट्रीटमेंट सर्कल का गठन किया गया है। विश्व बैंक शिमला के लिए कोल डैम परियोजना से पानी लाने के साथ सीवरेज कनेक्टीविटी करने को तैयार है। इसके लिए करीब 700 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर किया गया है। शिमला में सीवरेज व्यवस्था की खस्ताहालत को देखते हुए यह प्रोजेक्ट अहम माना जा रहा है।

जाखू के कई क्षेत्र नहीं जुड़े सीवरेज से

शिमला के प्रमुख धार्मिक पर्यटक स्थल का कुछ क्षेत्र अभी भी सीवरेज कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ पाया है। इसके साथ-साथ रूल्दूभट्टा वार्ड का मिनी कुफ्टाधार क्षेत्र भी इस सुविधा से महरूम है। ऐसे में गंदगी को लेकर यहां पर लफड़ा ही रहता है। सीवरेज सिस्टम से न जुड़ने के कारण यहां पर सफाई व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App