डीएनए में एक दरिंदे की मौजूदगी पर गैंगरेप के भी मिल रहे सबूत

By: Dec 3rd, 2017 12:05 am

शिमला – कोटखाई प्रकरण में हलाइला जंगल से बतौर सबूत देशी शराब की बोतल व कटी हुई प्लास्टिक बड़ी कोका-कोला की बोतल मिली थी। इसमें कातिल के लाइव डीएनए सैंपल मौजूद थे। ये सैंपल छात्रा की बॉडी में काटे जाने के निशानों से मेल खाते थे। सूत्रों के मुताबिक अभी तक की जांच में एक ही डीएनए सैंपल एक अपराधी के घटना में संलिप्त रहने की पुष्टि कर रहा है, जबकि जिस तरह से बलात्कार हुआ, उसे चोटें आईं वे गैंगरेप की तरफ इशारा कर रहे हैं। छात्रा ने अपने बचाव में खूब प्रयास किया। इसी छीना-झपटी में उसका हेयर क्लिप टूटा था, जो स्पॉट से पुलिस ने बरामद किया। सूत्रों के मुताबिक उसकी बॉडी पर घसीटने के कारण खरोंचों के भी निशान थे। घसीटने से पहले मुंह दबाया गया था, ताकि वह चिल्ला न सके। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दम घुटने से उसकी मौत होने की पुष्टि हुई थी। जानकारों के मुताबिक यह कुकृत्य किसी प्रोफेशनल अपराधी द्वारा अंजाम दिया हुआ भी लगता है। क्योंकि सबूत न छोड़ने के प्रयास में उसकी स्कूल ड्रेस पूरी तरह से उतरवा दी गई थी, जो उसकी लाश के साथ अलग-थलग सिर की तरफ रखी गई थी। अपराध विशेषज्ञों के मुताबिक कोई भी अपराधी एक साथ मुंह दबाकर स्कूल ड्रेस नहीं खुलवा सकता था। यह तभी हो सकता था, जब वह मौके पर बेहोश हो गई हो। अंदेशा यही है कि इस घटना में एक से ज्यादा अपराधी संलिप्त हो सकते हैं, मगर अभी तक की जांच में जो डीएनए प्रोफाइल हासिल हुआ है, वह एक ही अपराधी का है, जो पकड़ से अभी भी कोसों दूर है।  सूत्रों का कहना है कि अभी भी कई संदिग्ध लोगों के डीएनए सैंपल लिए जाने शेष हैं। जिस दिन भी मौजूद डीएनए सैंपल से अपराधी के सैंपल का मेल हुआ, उसी रोज यह गुत्थी भी सुलझ जाएगी। जिसने पहले हिमाचल पुलिस, फिर एसआईटी और अब सीबीआई की रातों की नींद हराम कर रखी है। बहरहाल, जांच एजेंसी को अब ये गांव वाले ही बता सकते हैं कि चार जुलाई से पहले व उसके बाद कौन बाहरी लोग हलाइला व अन्य क्षेत्रों में मजदूरी या अन्य कार्यों के लिए पहुंचे थे।

एक अपराधी था या चार-पांच

अपराध विशेषज्ञों के मुताबिक जिस तरह से छात्रा के साथ दरिंदगी की गई, उसके शव से मिले सुराग खुलासा करते हैं कि यदि अपराधी अकेला ही था तो वह कोई हट्टे-कट्टे शरीर का था, जिसने शराब पीने के बाद इस घटना को अंजाम दिया। यह अभी भी अबूझ पहेली है कि अपराधी एक था या चार-पांच।  बिटिया की ताक में थे दरिंदेसूत्रों के मुताबिक यह घटना सुनियोजित भी लग रही है। क्योंकि अपराधी ताक में बैठे थे। जंगल में ही शराब पी रहे थे। शायद उन्हें इस बात की भनक थी कि स्कूल में टूर्नामेंट है और छात्रा अकेली भी आ सकती है। आखिर कौन अपराधी छात्रा से इस घटना को अंजाम देने के इंतजार में बैठे थे। ये वे सवाल हैं, जिनका जवाब ढूंढा जा रहा है। यानी छात्रा की आवाजाही की शायद अपराधी जानकारी रखते रहे हों और उसे चार जुलाई को अकेले पाकर घटना को अंजाम दिया हो।


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