नौहराधार में खेतों में जुटे किसान-बागबान

By: Dec 15th, 2017 12:05 am

नौहराधार – तीन महीने बाद आखिकार मौसम का मिजाज बदला और समूचे प्रदेश में झमाझम बारिश हुई। बारिश होने से जहां किसानों ने राहत की सांस ली, वहीं पानी के अभाव में सूख रही फसलों को नया जीवन मिला। किसान मौसम को लेकर चिंतित थे, लेकिन अब पर्याप्त बारिश होने से किसान खुश हो गए हैं। मौसम साफ होते ही किसान अपने-अपने खेतों में जुट गए हैं, वहीं बागबान भी अपने बागीचों में कटाई-छंटाई में लग गए हैं। लंबे समय से अभी बागबान अपने सेब के तोलिए भी नहीं कर पाए थे। अब बागबान बागीचों में तोलिए खाद गोबर का काम शुरू कर देंगे। इसी तरह प्रदेश में हुई बारिश गेहूं के लिए कारगार साबित हुई है। हालांकि जिला में कई किसान गेहूं की बिजाई नहीं कर पाए थे वे भी अब बिजाई करने में लग गए हैं। जिन स्थानों को सिंचाई के पानी की सुविधा नहीं है वे किसान बिजाई करने से वंचित रह गए थे। जिन किसानों ने बिजाई कर दी है उनके लिए यह बारिश वरदान साबित हुई है। किसानों की नकदी फसल लहसुन भी बिना बारिश से सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। गौर रहे कि जिला सिरमौर के नौहराधार, घंडूरी, चुनवी, देवा मानल, चौरास, लानाचेता आदि क्षेत्रों में लहसुन की पैदावार बंपर होती है। यानी बड़े पैमाने में लहसुन की फसल लगाई जाती है। इसके अलावा धनिया, जौ आदि के लिए भी बारिश संजीवनी के रूप में हुई है। गौरतलब है कि जिला सिरमौर में मात्र 30 फीसदी जमीन ही सिंचित है। 70 फीसदी जमीन में सिंचाई के कोई साधन नहीं है। प्रगतिशील किसान भारतभूषण, तपेंद्र, मोहन लाल, संजय कुमार, पदम सिंह, सुरेंद्र सिंह, भागमल, सूरत राम आदि ने बताया कि तीन महीने के अंतराल के बाद यहां बारिश हुई है। किसानों ने अभी तक गेहूं व जौ की फसल बिजाई नहीं की थी अब शुरू कर रहे हैं। इसके अलावा लहसुन व धनिए की नकदी फसल भी बिना बारिश से सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। इसके अलावा बागबानों ने कहा कि बागीचों में नमी न होने के चलते लोग गुड़ाई, गोबर, खाद नहीं डाल पा रहे थे, जबकि दिसंबर के पहले सप्ताह में यह सारे काम खत्म कर देते थे।


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