पंचरुखी में फडि़यां साफ, पर बैजनाथ में ये हाल

By: Dec 1st, 2017 12:08 am

पंचरुखी — लगभग एक सप्ताह पहले रेलवे पुलिस के फरमान के बाद गुरुवार को पंचरुखी रेलवे स्टेशन के साथ फाटक के निकट रेहड़ी-फड़ी जमाए बैठे कब्जाधारियों व झुग्गी-झोंपडि़यों वालों पर कार्रवाई करते हुए कब्जों को उखाड़ दिया गया। गुरुवार सुबह ही रेलवे पुलिस की टीम अधिकारी सुजान सिंह की अगवाई में पंचरुखी पहुंची  और सभी रेहड़ी-फड़ी व झुगियों वालों को आधा घंटे का समय देते हुए कब्जों को उखाड़ने को कहा, अन्यथा विभाग स्वयं कब्जे उखाड़ देगा, जिस पर रेहड़ी-फड़ी वालों ने स्वयं कब्जों को उखाड़ दिया। पुलिस के कार्रवाई पर लगभग 13 रेहड़ी-फड़ी वाले व दर्जन भर झुग्गी-झोंपडि़यों वालों के आशियाने व रोजी-रोटी का जरिया उजड़ गया। बताते चलें कि रेल विभाग पठानकोट से जोगिंद्रनगर तक रेललाइन से दोनों ओर 30-30 मीटर अपनी भूमि पर से अवैध कब्जाधारियों पर कार्रवाई करेगा। विभाग ने भूमि पर निर्मित सभी निर्माण धारियों को चिन्हित कर नोटिस जारी किए हैं, जबकि विभाग ने कार्रवाई करते हुए पहले अस्थायी कब्जों को हटाना शुरू किया है, जिसके तहत गुरुवार को पंचरुखी में कार्रवाई की गई। पंचरुखी में नम आंखों से रेहड़ी-फड़ी वाले अपने उजड़ते रोजगार के आशियाने देखते रहे। रेलवे विभाग ने रेहड़ी-फड़ी उखाड़ने के बाद भूमि की निशानदेही की, तो यहां एक दुकान के साथ दो मकानों के कुछ हिस्से भी रेल भूमि की हद में आ गए। रेलवे की इस कार्रवाई से लोगों में भी हड़कंप मच गया कि अब विभागीय कार्रवाई में कई मकान भी हद में है, जिन्हें  विभाग ने नोटिस जारी कर रखे हैं। बताते चलें कि विभाग ने काफी समय से अवैध कब्जों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस 164 किलोमीटर पठानकोट से जोगिंद्रनगर तक हजारों कब्जे हैं, जिन्हें विभाग उखाड़ रहा है।

बैजनाथ – चुनाव आचार संहिता क्या लगी चाहे वह अधिकारी हो या चाहे व्यापारी चाहे ठेकेदार सभी बेलगाम हो गए। किसी को भी किसी बात का डर नहीं रहा। अधिकारी हो या प्रशासन सभी अपने-अपने कार्यालयों तक सीमित हो कर रह गए। आज आमजन मानस अव्यवस्थाओं के चलते परेशान है। मात्र बैजनाथ की बात की जाए तो एक तरफ दुकानों के आगे गहरी नालियों को खोदे महीनों हो गए, मगर वे नालियां न बन सकीं। जगह-जगह गंदगी के ढेर, जगह-जगह रुके गंदे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। हर वक्त दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। कोई नालियों में घुस रहा है। कोई गंदगी में फंस रहा है। सफाई व्यवस्था का जनाजा निकला पड़ा है, जिसकी मिसाल देखनी हो तो बैजनाथ बस अड्डे पर गंदगी के ढेर, लीक करता सेफ्टिक टैंक, बस स्टैंड में बिखरी गंदगी देखी जा सकता है। ऊपर से जब से प्रशासन के उच्चाधिकारियों, पुलिस के आलाधिकारियों ने नकेल ढीली छोड़ी है। बस अड्डे से लेकर बाजार तक सब्जी विक्रेताओं ने सड़कों पर अतिक्रमण शुरू कर रखा है। उनकी सब्जियां दुकानों के अंदर कम बाहर सड़कों पर पड़ी बेची जा रही हैं। व्यापारियों ने सड़कों में सामान सजा कर जगह-जगह रेहडि़यां लगा कर बेचना शुरू कर दिया है, जिसके चलते पूरा-पूरा दिन जाम लग रहा है। बैजनाथ बाजार में लगी ट्रैफिक लाइटों को सही दिशा में लगवाने, लाल, पीली, हरी लाइट लगाने की स्कीम कई बार प्रशासन के आलाधिकारी कर चुके, मगर वह बातें बैठकों तक सीमित हो कर रह गईं। कई महीने हो गए न एसडीएम न डीएसपी ने बाजार का दौरा किया। अगर दौरा करते तो आम जनमानस को जो प्रतिदिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उससे निजात मिल जाती। उन्हीं ट्रैफिक लाइटों की वजह से प्रतिदिन सुबह से सायं तक जाम लगा रहता है। रेड व ग्रीन लाइटों के बीच यलो लाइट नहीं है। न ही ट्रैफिक लाइटों की दिशा सही है।  कुल मिला कर पूरे का पूरा सिस्टम ही बिगड़ चुका है। उधर राष्ट्रीय उच्च मार्ग के सहायक अभियंता का तर्क है कि मैंने कई बार ठेकेदार को कहा कि नालियों का काम शुरू करे। अगर वह काम नहीं कर रहे हैं। अब जनता इसी इंतजार में है कि कब 18 दिसंबर हो रिजल्ट निकले सरकार बने तभी जा कर सिस्टम में सुधार होगा।


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