पेपर चैकिंग को बढ़े मानदेय

By: Dec 8th, 2017 12:01 am

17 रुपए की अधिसूचना का प्राध्यापक संघ ने किया विरोध

 शिमला — हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से कालेज प्राध्यापकों को परीक्षाओं की चैकिंग के लिए तय मानदेय न देने से प्राध्यापक वर्ग खफा है। पहले ही प्रशासन के समक्ष बार-बार मांग उठाने के बाद मानदेय में बढ़ोतरी का निर्णय विवि प्रशासन ने लिया, लेकिन जब इसे अधिसूचित किया, तो इसमें बढ़ाए गए मानदेय से कम राशि विवि ने  शामिल की है। इस अधिसूचना का विरोध अब प्रदेश कालेज प्राध्यापक संघ कर रहा है। एचपीयू की ओर से कालेज शिक्षकों से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं का मूल्यांकन करवाया जाता है। मूल्यांकन के लिए प्रशासन की ओर से प्रति उत्तर पुस्तिका के लिए 15 रुपए मानदेय देता था, जिसे शिक्षकों के विरोध के बाद विवि प्रशासन ने बढ़ाने का फैसला लिया। इस मानदेय में बढ़ोतरी कर इसे 15 से 18 रुपए पंजाब पैटर्न की तर्ज पर करने की हामी विवि ने भरी थी, लेकिन प्रशासन ने 18 के बजाय 17 रुपए मानेदय देने की अधिसूचना जारी की है। संघ के महासचिव प्रो. रामलाल शर्मा का कहना है कि प्राध्यापक भले ही विवि के निर्देशों के तहत 21 से 31 दिसंबर तक प्रदेश में बनाए गए मूल्यांकन केंद्रों में रूसा की परीक्षाओं का मूल्यांकन तो करेंगे, लेकिन सही मानदेय पेपर चैकिंग का न देने का विरोध भी मूल्यांकन प्रक्रिया के साथ-साथ करेंगे।

फीस अधिक पर, मानदेय फिर भी कम

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों से फीस प्रत्येक कोर्स में जयादा ली जा रही है और शिक्षकों को इसके बाद भी पेपर चैकिंग का मानदेय कम दिया जा रहा है। पंजाब में शिक्षकों को मानदेय 22 रुपए किया गया है, जबकि प्रदेश में इसे 18 रुपए भी एचपीयू नहीं कर रहा है।


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