बिना सुरक्षा उपकरण नहीं करेंगे काम

By: Dec 18th, 2017 12:01 am

प्रदेश राज्य विद्युत परिषद तकनीकी कर्मचारी संघ ने उठाई आवाज

शिमला — प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में विद्युत परिषद के तकनीकी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं। इसलिए अब तकनीकी कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरणों के काम नहीं करेंगे। यह बात हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष मोहन ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि जिला शिमला में विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए पैसे का खुलकर दुरुपयोग हुआ है और इसकी किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने की आवश्यकता है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद तकनीकी कर्मचारी संघ जिला शिमला के तकनीकी कर्मचारियों के पदाधिकारियों की बैठक यूनियन के मुख्य कार्यालय कालीबाड़ी शिमला में जिला शिमला के प्रधान सुरेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इसमें जिला शिमला की सभी इकाइयों के प्रधान व सचिवों के अलावा प्रदेशाध्यक्ष मोहन ठाकुर ने भाग लिया। इस बैठक में मुख्य रूप से तीन विषयों पर चर्चा की गई। सर्दियों में बर्फबारी के दौरान विद्युत आपूर्ति को सूचारू रूप से चलाने में तकनीकी कर्मचारियों की कमी, सुरक्षा उपकरणों का उपलब्ध न होना, सही ढंग से लाइनों की मरम्मत न करवाना, ठेकेदारों द्वारा किए गए निम्न स्तर के कार्यों में इंजीनियरों की संलिप्तता आदि विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया। जिला शिमला के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि अगर भारी बर्फबारी हुई तो विद्युत आपूर्ति का बाधित होना लगभग तय है, क्योंकि ठेकेदारों द्वारा किया गया कार्य अति निम्न स्तर का है, जिससे बिजली सूचारू रूप से नहीं चल सकती।

सरकार को बताएंगे भ्रष्ट कर्मियों के नाम

प्रदेशाध्यक्ष मोहन ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि दुर्गम क्षेत्रों के तकनीकी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध न कराना मौत का फरमान है। तकनीकी कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के काम नहीं करेंगे। सभी कर्मचारियों की इस मांग का समर्थन करते हुए प्रदेशाध्यक्ष से सहमति जताई और कहा कि जो कर्मचारी भ्रष्टाचार में शामिल होकर विद्युत बोर्ड के ढांचे को ध्वस्त कर चुके हैं, उनके नाम शीघ्र ही आने वाली सरकार के समक्ष रखे जाएंगे व उनकी गिरफ्तारी की मांग की जाएगी। उन्होंने यह भी मांग की है कि बोर्ड प्रबंधक वर्ग से कि जो तकनीकी कर्मचारी कार्यालयों में काम कर रहे हैं, उन्हें तीन दिनों के भीतर फील्ड में भेजा जाए, नहीं तो तीन दिन बाद सभी सर्किलों पर धरने आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पहला सर्किल शिमला होगा।


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