लेखिका बोली, जीतने का प्रयास ही जिंदगी

By: Dec 1st, 2017 12:05 am

 धर्मशाला — जिंदगीकभी भी एक घटना से समाप्त नहीं हो जाती। परमेश्वर हमें हर दिन नई परिस्थिति में रखता है। इसलिए हमें हारने के बाद भी जीतने का प्रयास करते रहना चाहिए। ऐसा ही दिखाया गया है हाल ही में लांच हुई किताब दि लॉस्ट डॉटर में। किताब की लेखिका आंचल राणा अग्रवाल ने बताया कि इस किताब में दुष्कर्म पीडि़त एक युवती की दास्तां बताई गई है। गुरुवार को धर्मशाला में दि लॉस्ट डॉटर किताब के बारे में जानकारी देते हुए लेखिका आंचल राणा अग्रवाल ने कहा कि बचपन से लिखने के शौक ने उन्हें लेखिका बना दिया। किताब में एक ऐसी लड़की की कहानी है, जिसकी मां खुद पुलिस में एसीपी है। कहानी इसलिए भी रोमांचक हो जाती है कि घटना के बाद लड़की की याददाश्त चली जाती है और उसके असली गुनहगारों तक पहुंचना पुलिस के लिए भी मुश्किल हो जाता है। इस घटना से उबरते हुए वह किस तरह सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हुए इस तरह की पीडि़त महिलाओं के लिए समाज में मिसाल कायम करती है।  आंचल का कहना है कि महिला हिंसा और अत्याचार के लिए काफी हद तक पारिवारिक पृष्ठभूमि और उससे भी ज्यादा परवरिश का असर रहता है। उन्होंने इस किताब को अपनी मां को समर्पित करते हुए, इसे पूरा करने में अपने पति द्वारा दिए गए सहयोग का भी आभार जताया। लेखिका आंचल राणा अग्रवाल ने बताया कि यह उनकी दूसरी किताब है। इससे पहले उनकी किताब हिट्स ऑफ लाइफ का ऑनलाइन संस्करण भी आया था।

बेटी की कामयाबी से पिता खुश

आंचल राणा अग्रवाल के पिता जिला कांगड़ा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आरएस राणा हैं। डा. राणा ने अपनी बेटी की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी को बेटियों को पढ़ाना और आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बेटी माता-पिता का नाम रोशन करती है तो सबसे ज्यादा खुशी महसूस होती है।


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