संघर्ष का दूसरा नाम जयराम ठाकुर

By: Dec 27th, 2017 12:20 am

धर्मपत्नी डा. साधना सिंह ने ‘दिव्य हिमाचल’ से साझा की पति से जुड़ी अनसुनी बातें

शिमला— एमबीबीएस एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. साधना सिंह कहती हैं कि जयराम ठाकुर संघर्ष का दूसरा नाम है। अपने पति को मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचता देख वह खुश तो हैं, मगर उस संघर्षमयी जीवन को नहीं भूलती, जो उन्होंने मिलकर गाड़ी के दो पहियों की तरह तय किया है। शायद यही वजह है कि आज भी बच्चे बसों से सफर करते हैं। समाज की मुख्य धारा से जुड़े हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ से विशेष बातचीत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पत्नी साधना सिंह ने एक सवाल पर बताया कि उनके पिता व माता दोनों ही आरएसएस से जुड़े रहे हैं। वह खुद भी आरएसएस की शाखाओं में जाती रही हैं। जब कर्नाटक से राजस्थान के लिए उनके पिता का तबादला हुआ तो वहीं एक अभ्यास शिविर में मुलाकात हुई थी, जो बाद में दोस्ती और फिर शादी में बदल गई। वह बताती हैं कि जयराम ठाकुर ईमानदार, स्पष्टवादी व्यक्ति हैं। उन्होंने शादी से पहले दो टूक कह दिया था कि 10 बार सोच लेना, क्योंकि उनका जीवन अत्यंत संघर्षपूर्ण है। वर्ष 1995 में जयराम ठाकुर की शादी हुई। सात दिन के बाद डा. साधना सिंह की बालीचौकी में पोस्टिंग हो गई। उनके कुछ परिजनों ने भी कहा कि गांव में कैसे रह पाएगी, कैसे सेवा कर पाएगी, मगर उनके इरादे मजबूत थे। उन्होंने पति के सहयोग से सब कर दिखाया। वह बताती हैं कि जयराम ठाकुर कभी भी अपनी चिंताओं व दिक्कतों को घर पर शेयर नहीं करते। वह इतने मजबूत हैं कि देखकर हैरानी होती है। सहनशील होने के साथ-साथ उनमें धैर्य भी कूट-कूट कर भरा है। वह कहती हैं कि कुर्सी भगवान सेवा के लिए देता हैं। पांव जमीन से जुड़े रहें, ये संकल्प रहता है। घर पर दोनों बेटियों को भी यही सिखाया गया है। डा. साधना सिंह बताती हैं कि दोनों बच्चियां पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बनें, यही लक्ष्य है। उनकी एक बेटी टांडा से एमबीबीएस कर रही है, जबकि दूसरी मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी। समाज की मुख्य धारा से बच्चे जुड़े रहे, इस तरह से उनकी परवरिश की गई है। शायद यही वजह है कि जयराम ठाकुर की बड़ी बेटी टांडा से शिमला अभी भी साधारण बस द्वारा ही पहुंचती है।

बांसुरी और तबला भी बजा लेते हैं

जयराम ठाकुर बांसुरी व तबला बहुत अच्छ से बजा लेते हैं। पुराने गानों के साथ वह नुसरत फतेह अली खां व गुलाम अली की गजलें सुनते हैं। वह खुद भी बड़ा अच्छा गाते हैं।

वाजपेयी, नरेंद्र मोदी और शाह के मुरीद

जयराम ठाकुर की धर्मपत्नी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की कार्यशैली के उनके पति मुरीद हैं। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से प्रभावित हैं।

शादी के बाद कभी किचन में नहीं गए

एक रोचक सवाल पर उन्होंने कहा कि शादी के बाद जयराम ठाकुर को कभी किचन में जाने की जरूरत नहीं पड़ी।

मुख्यमंत्री बनने का सपना तो देखा…

डा. साधना कहती हैं कि सीएम का ख्वाब तो उन्होंने देखा था, मगर इतनी जल्दी पूरा हो जाएगा, यह नहीं सोचा था।


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