सीबीआई बोली, पुलिस ने मारा सूरज

By: Dec 1st, 2017 12:12 am

पुलिस लॉकअप हत्या प्रकरण में केंद्रीय जांच एजेंसी ने हाई कोर्ट में दायर की स्टेटस रिपोर्ट

शिमला – कोटखाई छात्रा गैंगरेप-मर्डर प्रकरण से जुड़े पुलिस कस्टडी में मौत मामले में सीबीआई ने गुरुवार को हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर की। इसके साथ ही सीबीआई ने हाई कोर्ट में 600 पन्नों की चार्जशीट भी दाखिल की है। सीबीआई ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि सूरज की पुलिस लॉकअप में हत्या उसके साथी राजू ने नहीं, बल्कि पुलिस की प्रताड़ना से हुई है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप शर्मा की बैंच में इस मामले पर सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई की ओर से अदालत में इस केस की अब तक की पूरी जांच रिपोर्ट दायर की गई। इसके साथ ही चार्जशीट भी अदालत में दी गई। सीबीआई ने बताया कि इस केस के साथ ही छात्रा गैंगरेप मामले को सुलझाने की दिशा में भी सीबीआई बड़ी तेजी से काम कर रही है। सीबीआई द्वारा हाई कोर्ट को बताया गया कि सूरज की हत्या उसके साथी राजू ने नहीं की थी, बल्कि पुलिस की प्रताड़ना से उसकी मौत हुई है। सीबीआई इस मामले में निचली अदालत में चालान पेश कर चुकी है, जिसमें पुलिस जांच दल के प्रमुख आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी सहित आठ पुलिस कर्मियों को आरोपी बनाया गया है। इन सभी को सीबीआई ने गत 29 अगस्त को गिरफ्तार किया था। सीबीआई द्वारा इन आरोपियों के खिलाफ तीन महीने के भीतर जांच पूरी कर ली गई है। इन पर हत्या करने, अपराधिक षड्यंत्र रचने, प्रताडि़त करने जैसी विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं। सीबीआई के वकील अंशुल बंसल ने कहा कि अभी तक इस मामले में पुलिस के नौ अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। यदि इस प्रकरण में किसी और की भूमिका सामने आती है तो उसको भी जांच एजेंसी गिरफ्तार करेगी। सीबीआई के वकील अंशुल बंसल की ओर से बताया गया कि इस मामले में कुछ पुलिस वालों के धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाए गए हैं। इनके बयानों को जांचा जा रहा है। इस मामले में सीबीआई द्वारा एएसपी भजन नेगी, डीएसपी रत्न नेगी सहित कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए हैं।

डीडब्ल्यू नेगी पर एक माह में चालान

सीबीआई के वकील अंशुल बंसल ने सीबीआई की ओर से बताया कि सूरज लॉकअप में हुई हत्या के मामले में गिरफ्तार नौवें आरोपी एसपी डीडब्ल्यू नेगी को लेकर सप्लीमेंटरी चालान एक महीने के अंदर अदालत में पेश किया जाएगा। नेगी घटना के वक्त शिमला के एसपी थे। सीबीआई की जांच में डीडब्ल्यू नेगी की इस मामले में संलिप्तता सामने आई थी और उनकी गिरफ्तारी 16 नवंबर को सीबीआई द्वारा शिमला में की गई थी। नेगी अभी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। इनके खिलाफ सीबीआई द्वारा चालान अदालत में पेश नहीं किया गया है। सीबीआई के वकील अंशुल बंसल ने बताया कि एसपी नेगी के खिलाफ सीबीआई सबूत एकत्र कर रही और एक माह के भीतर उनके खिलाफ भी चालान पेश कर दिया जाएगा।

छात्रा मामले की जांच कर रही हैं सीबीआई की तीन टीमें

कोटखाई बिटिया प्रकरण में गुरुवार को स्टेटस रिपोर्ट दायर नहीं की गई। इस मामले में सीबीआई ने बताया कि मामले में अभी तक करीब एक हजार सैंपल लिए गए हैं। इनमें से कुछ की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। हाई कोर्ट ने कहा कि छात्रा प्रकरण जन भावनाओं से जुड़ा हुआ है, जनता से साथ कोर्ट को भी सीबीआई से उम्मीदें हैं कि वह इस मामले को जल्द सुलझा देगी। सीबीआई के वकील अंशुल बंसल ने बताया कि छात्रा प्रकरण की जांच सीबीआई द्वारा बड़ी संजीदगी से की जा रही है। जांच के लिए सीबीआई ने तीन टीमें गठित कर रखी हैं। टीमों में दस अधिकारियों और कर्मचारियों को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि सीबीआई जल्द ही इस मामले को भी सुलझा देगी।


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