सीवरेज की सारी गंदगी सीधे गोबिंदसागर में

By: Dec 2nd, 2017 12:05 am

 बिलासपुर  — बिलासपुर शहर की सबसे प्रसिद्ध गोबिंदसागर झील में शहर की सारी सीवरेज मिलने के कारण झील प्रतिदिन दूषित होती जा रही है। इसकी देखरेख न तो जिला प्रशासन कर रहा है और न ही संबंधित विभाग। हालात ऐसे हो गए हैं कि यहां पर शहर की सारी सीवरेज जाकर मिलती है, जिससे झील के किनारे लोगों को दो मिनट भी खड़ना मुश्किल हो जाता है। इन हालातों के कारण बिलासपुर में पर्यटन की दृष्टि से भी बढ़ावा नहीं मिल पाया है। भाखड़ा विस्थापितों के लोगों ने कई बार इस समस्या के बारे में जिला प्रशासन और आईपीएच विभाग को पत्रचार के माध्यम से भी अवगत करवाया गया, परंतु विभाग सफेद हाथी की तरह खड़ा हुआ है। इसका स्पष्ट उदाहरण शहर के डियारा सेक्टर में ब्यास गुफा के साथ तथा लुहणू में देखा जा सकता है। हैरानी की बात है कि इन स्थानों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की कवायदें कागजों और राजनीतिक मंचों तक ही सीमित हैं। हालांकि, सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए करोड़ों की योजनाओं की घोषणाएं व आश्वासन कई बार दिए गए, लेकिन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। इस कारण हर रोज शहर में सीवरेज लीक हो रही है। इस पर विभाग का ध्यान नहीं जा रहा। इस समय झील पूरी तरह से भर चुकी है और इसमें वोटिंग के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन गंदगी के कारण झील से बदबू आ रही है, जिससे बाहर से आने वाले पर्यटक परेशान हो रहे हैं। रोजाना झील के किनारे शहर के लोग टहलने के लिए पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों में राहुल पटियाल, वंदना पटियाल, अंकुश सांवरिया, अभिषेक, अखिल, मनोहर, निशांत, गोल्डी, विनोद, कमल, नरेंद्र,  राजकुमार, मनीष, पंकज व सुनीता आदि का कहना है कि आज गोबिंदसागर झील गंदगी से भरी पड़ी है। झील किनारे फैली बदबू से वहां घूमना मुश्किल हो गया है। शहर की सीवरेज झील में जाकर मिल रही है। इस गंभीर समस्या को लेकर प्रशासन व संबंधित विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

डंपिंग साइट को लेकर विवाद

बतातें चलें कि बिलासपुर शहर की डंपिंग साइट का भी काफी समय से विवाद चला हुआ है। खैरियां साइट के लोगों का कहना है कि यहां पर नगर परिषद द्वारा बेतरतीब तरीके कूड़ा फेंका जाता है। सूत्रों से पता चला है कि खैरियां डंपिंग साइट जहां नगर परिषद पूरे शहर का कूड़ा फेंकता है, वह जगह नगर परिषद की नहीं। वह जगह कुछ वहां के स्थानीय ग्रामीणों और बाकी बीबीएमबी की है। इससे कुछ माह पहले इस स्थान को लेकर गांव वालों और नगर परिषद के बीच काफी बहसबाजी हुई, परंतु अंत में नगर परिषद ने डंपिग साइट को बदलने का निर्णय लिया है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नहीं कर रहा मुआयना

झील में फैल रही गंदगी को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी सजग नहीं है। इसका उदाहरण यह है कि नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने गंदगी में तबदील हो रही झील का मुआयना करने की जहमत नहीं उठाई है। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी तो इसके बारे में कोई भी प्रतिक्रिया प्रकट करने से कतराते हैं।


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