सोलन ने बिजली बोर्ड के 35 करोड़ फंसाए

By: Dec 5th, 2017 12:10 am

दो साल से भरे ही नहीं बिजली बिल; नोटिस जारी, अब कट होंगे कनेक्शन

सोलन— सोलन उपमंडल के तहत आने वाले मुख्य सरकारी कार्यालय बिजली बोर्ड के 35 करोड़ रुपए का बिल नहीं दे रहे हैं। दो साल से यह राशि विभिन्न सरकारी विभागों में फंसी हुई है। बोर्ड द्वारा इन विभागों को नोटिस जारी किए गए हैं कि यदि जल्द ही बिल की बकाया राशि जमा नहीं की गई, तो कनेक्शन काट दिए जाएंगे। जानकारी के अनुसार बिजली बोर्ड सोलन करोड़ों रुपए के घाटे में चल रहा है। आम उपभोक्ता तो समय पर बिल जाम करवा देते हैं, लेकिन सरकारी विभाग बोर्ड को बिल जमा करवाने के नाम पर ठेंगा दिखा देते हैं। बिजली बोर्ड के लिए सरकारी विभागों से बिजली बिल वसूल करना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। बिजली बिल की सबसे अधिक राशि बोर्ड द्वारा आईपीएच विभाग से वसूल की जानी है। आईपीएच विभाग द्वारा कई साल से बिजली बिल नहीं दिया है। करीब 33 करोड़ रुपए बोर्ड द्वारा आईपीएच विभाग से लिया जाना है। बताया जा रहा है कि गिरि पेयजल योजना, अश्वनी खड्ड योजना सहित विभाग की अधिकतर पेयजल योजनाएं उधारी की बिजली से चल रही है। बोर्ड की मजबूरी यह है कि इन पेयजल योजनाओं की बिजली आसानी से नहीं काटी जा सकती। हालांकि आईपीएच ने पिछले महीने 2.50 करोड़ रुपए की राशि जमा करवाई है, लेकिन कुल राशि के मुकाबले यह राशि नाममात्र की है। लगातार आईपीएच विभाग द्वारा बिल का कर्ज बढ़ता जा रहा है। हैरानी की बात है कि उपायुक्त कार्यालय द्वारा भी बिजली का बिल लंबे अरसे से जमा नहीं करवाया गया है। उपायुक्त कार्यालय से भी करीब 85 लाख रुपए की राशि वसूल की जानी है। बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद बोर्ड को अभी तक बकाया बिल की राशि नहीं मिल पाई है। जिला का राजस्व विभाग भी बिजली बोर्ड को पैसे के नाम पर ठेंगा दिखा देता है। राजस्व विभाग से भी बिल के 26.11 लाख रुपए वसूले जाने हैं। कई बार नोटिस जारी किए जाने के बाद राजस्व विभाग ने यह राशि जमा नहीं करवाई है। स्वास्थ्य विभाग भी बिजली बोर्ड की डिफाल्टर सूची में शामिल है। बहरहाल, बिजली बोर्ड करोड़ों रुपए के घाटे में चल रहा है।

स्टाफ को सैलरी देना भी मुश्किल

बोर्ड द्वारा बार-बार बिल की वसूली के लिए नोटिस तो जारी किए जा रहे हैं, लेकिन पैसा जमा नहीं हो पाता। आलम यह है कि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के लिए स्टाफ का वेतन तक निकालना अब मुश्किल होने लगा है। आने वाले दिनों में भी बकाया राशि बोर्ड को नहीं मिली, तो कई कर्मचारियों को वेतन के लिए तरसना पड़ सकता है। बिजली बोर्ड के एसडीओ विपुल का कहना है कि सरकारी विभागों को बिल की वसूली के लिए कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक अधिकतर विभागों ने बिल की बकाया राशि जमा नहीं करवाई है।

 


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