स्वाभिमान की खातिर उठा हाथ

By: Dec 31st, 2017 12:06 am

विधायक आशा कुमारी से भिड़ने वाली महिला पुलिस कर्मी ने बताई असली वजह

शिमला— कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री आशा कुमारी से ही भिड़ने वाली महिला कांस्टेबल को अपने किए पर कोई दुख नहीं है। उनका साफ कहना है कि उन्होंने यह कदम स्वाभिमान के चलते उठाया है। उनका कहना है कि यदि कोई और स्वाभिमानी भी उनकी जगह होता तो शायद वह भी ऐसी ही प्रतिक्रिया ही करता। हालांकि उनका यह भी कहना था कि उनको यह मालूम नहीं था कि जिस महिला ने उनको थप्पड़ मारा, वह विधायिका हैं, लेकिन राजवंती का कहना है कि उन्होंने जो कुछ किया उनको कोई दुख नहीं है। वह अभी भी इस बात पर कायम है कि वह सहीं थीं। ‘दिव्य हिमाचल’ के साथ बातचीत में महिला कांस्टेबल राजवंती ने कहा कि आशा कुमारी का यह कहना कि उन्होंने कांग्रेस भवन के गेट पर पुलिस को अपना पहचान पत्र दिखाया था, सरासर पर गलत है। उन्होंने साफ कहा कि आशा कुमारी ने कोई पहचान पत्र नहीं दिखाया और न ही वहां इसके लिए कोई समय था। उनका कहना था कि पास या पहचान पत्र तो एसपीजी ही देख रही थी। उन्होंने कहा कि जिस वक्त आशा कुमारी गेट पर आई थी उस वक्त वहां पर भारी भीड़ थी और लोग गेट के अंदर घुसने का प्रयास कर रह थे। अपनी ड्यूटी का निवार्हन करते हुए गेट से अंदर जबरदस्ती जाने वाले को वह भी रोक रही थी कि तभी आशा कुमारी भी वहां पहुंचीं और उनको धक्का देकर अंदर जाने लगी। उन्होंने कहा कि जब उनको रोका गया तो आशा कुमारी ने कहा कि तुम मेरी पावर को नहीं जानती। इस पर आशा कुमारी ने उनको थप्पड़ मारे। एक थप्पड़ मुझे लगा और दो और थप्पड नहीं लग पाए। उन्होंने कहा कि इस पर उन्होंने स्वतः प्रतिक्रिया के तहत थप्पड़ मारा, हालांकि उनकी मंशा ऐसा करने की नहीं थी और लेकिन अपने स्वाभिमान के चलते यह सब किया। उन्होंने कहा कि वह महिला कौन है, उनको यह मालूम नहीं था। राजवंती का कहना है कि यदि आशा कुमारी उनको इस तरह धक्के और थप्पड़ न मारती तो वह उनको गेट तक खुद छोड़ती। आखिर पुलिस उन लोगों के लिए वहां पर तैनात थी, लेकिन आशा कुमारी ने ऐसा न कर उनके स्वाभिमान को चोट पहुंचाई।

दुख होता है, जब कोई ऐसा करता है 

महिला कांस्टेबल राजवंती का कहना है कि जिन लोगों की सेवाओं को लिए पुलिस इस तरह खड़ी रहती है, अगर वे ही इस तरह का व्यवहार करें तो दुख होता है। उनका कहना है कि पुलिस होने के नाते वह जनता के चुने हुए नुमाइंदों की इज्जत करती हैं और पुलिस इनकी सेवा के लिए ही हरदम तैयार रहती है। यदि वह ही ऐसा करें यह दुख और भी बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि हम सोच भी नहीं सकते हैं कोई इस तरह का व्यवहार भी कर सकता है। यह कहने पर कि आशा कुमारी ने क्षमा मांगी है तो उनका कहना था कि उनसे कोई माफी नहीं मांगी गई।  ऐसे में वह अपनी लड़ाई जारी रखेगी।

बॉक्सर रह चुकी हैं महिला कांस्टेबल

26 वर्षीय राजवंती ने अपनी जमा दो तक की शिक्षा स्थानीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल कुटाड़ा, रोहड़ू से हासिल की। इसके बाद वह सीमा कालेज गई और यहां 2012 में पास आउट हुईं। रोहूड़ के कुटाड़ा की राजवंती बाक्सिंग की खिलाड़ी भी रह चुकी है। राजवंती ने साल 2009 में जमशेदपुर और 20011 में केरल के त्रिचुर में बाक्सिंग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, लेकिन अब वह बाक्सिंग नहीं खेल रही।

आशा कुमारी ने भी पुलिस में दी शिकायत

विधायक आशा कुमारी ने भी महिला पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ सदर थाने में शिकायत दी है। विधायक आशा कुमारी ने   कहा है कि ब  एक महिला कांस्टेबल ने इस दौरान उनको अंदर जाने से रोका, धक्का दिया और  दुर्व्यवहार किया। इस दौरान कुछ लोगों ने बीच-बचाव करना चाहा, लेकिन कांस्टेबल ने कई थप्पड़ मारे और उनको बुरे नतीजा भुगतने और जान से मारने की धमकी दी।   महिला कांस्टेबल ने उनके काम में बाधा पहुंचाने की कोशिश की है और ऐसे में इसमें एफआईआर दर्ज की जाए। उधर, एसपी शिमला सौम्या का कहना है कि विधायक आशा कुमारी की शिकायत पर रपट डाली गई है। उन्होंने कहा कि इस शिकायत की जांच की जाएगी ।


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