हिमाचल में बढ़ा पर्यावरण अपराध

By: Dec 3rd, 2017 12:01 am

क्राइम के राष्ट्रीय आंकड़ों में टॉप-तीन में प्रदेश का भी नाम

पालमपुर – पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयासों और उठाए जा रहे कदमों के बीच भी प्रदेश पर्यावरण संबंधित आपराधिक मामलों की सूची में टॉप-तीन प्रदेशों में शामिल हो गया है। राष्ट्रीय स्तर पर जारी किए गए आंकड़े प्रदेश के संदर्भ में इसलिए भी चिंताजनक हैं, क्योंकि 2015 में हिमाचल इस सूची में सातवें स्थान पर रहा था। 2014 में प्रदेश में पर्यावरण संबंधी अपराधों की संख्या 150 रही थी, जो कि 2015 में कम होकर 113 तक जा पहुंची थी, जबकि यह आंकड़ा 2016 में 178 रहा है। जंगलों, वन्य प्राणियों और पर्यावरण के अन्य स्रोतों को नुकसान पहुंचाने में प्रदेश के लोग पीछे नहीं रह रहे हैं। इसी का परिणाम है कि प्राकृतिक खूबसूरती से लबरेज शांत पहाड़ी प्रदेश पर्यावरण संबंधित अपराधों के मामले में देश में तीसरे पायदान पर खड़ा है। साल 2016 के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में हर महीने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने से संबंधित औसतन 15 के करीब मामले दर्ज किए गए। पिछले साल प्रदेश में पर्यावरण संबंधित अपराधों के कुल 178 मामले सामने आए। इनमें सबसे अधिक मामले जंगलों को नुकसान पहुंचाने के थे और फोरेस्ट एक्ट-1927 के तहत देशभर में 3715 मामले दर्ज किए गए, जिसमें से प्रदेश में कुल 157 मामले विभिन्न स्थानों पर दर्ज किए गए। इस कड़ी में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत 19 मामले दर्ज किए गए। इन मामलों में की गई कार्रवाई के तहत फोरेस्ट एक्ट के अंतर्गत दर्ज  मामलों में 269 पुरुषों और तीन महिलाओं सहित कुल 272 लोगों को पकड़ा गया। राष्ट्रीय स्तर पर जारी आंकड़ों के अनुसार साल-2016 में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने संबंधित विभिन्न श्रेणियों में कुल 4732 मामले दर्ज किए गए। 2130 दर्ज मामलों के साथ उत्तर प्रदेश इस सूची में पहले और 1381 मामलों के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर रहा। पर्यावरण संबंधी दर्ज मामलों की सूची में जहां हिमाचल 2015 में सातवें, 2016 में मामलों में दर्ज की गई बढ़ोतरी के साथ प्रदेशस तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। 178 मामलों के साथ कर्नाटक भी हिमाचल के साथ तीसरे स्थान पर रहा। इस सूची में 170 मामलों के साथ महाराष्ट्र चौथे, जबकि 149 मामलों के साथ असम पांचवें स्थान पर रहा है। मेघालय, सिक्किम और त्रिपुरा में इस श्रेणी का एक भी मामला सामने नहीं आया है।


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