1984 में बिलिंग को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान
बिलिंग को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली जब फ्रांस के मिस्टर एक्स बोर रेमांड ने बीड़ से 130.9 किलोमीटर की उड़ान भरी और विश्व रिकार्ड बनाया। 2002 ई. में राज्य सरकार ने इस शैकिया और साहसिक प्रतियोगिता को प्रोन्नत करने के लिए पूर्व विश्वकप शुरू किया…
बीड़- बिलिंग
बीड़- बिलिंग हिमाचल के जिला कांगड़ा में हैंग ग्लाइडिंग और पैरा ग्लाइडिंग के लिए जाना जाता है। इसकी सबसे पहले 1978 ई. में दिल्ली से आई एक नवयुवती कुमारी दीपक महाजन ने हैंग ग्लाइडिंग और पैरा ग्लाइडिंग के लिए पहचान की थी। इसके बाद इसकी पहचान इजराइल के एक सैलानी और हिमाचल प्रदेश के वन विभाग के एक पक्ष ने सर्वोत्तम पैराग्लाइडिंग स्थान के रूप में की। 1984 ई. में बिलिंग में एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की व्यवस्था की गई। तब इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली, जब फ्रांस के मिस्टर एक्स बोर रेमांड ने बीड़ से 130.9 किलोमीटर की उड़ान भरी और विश्व रिकार्ड बनाया। 2002 ई. में राज्य सरकार ने इस शौकिया और साहसिक प्रतियोगिता को प्रोन्नत करने के लिए पूर्व विश्व कप शुरू किया।
भावानगर
यह किन्नौर जिला में स्थित है। यहां से हम सतलुज का दृश्य देख सकते हैं तथा पूर्व अनुमति से भूमिगत जल विद्युत परियोजना जिसे ‘संजय विद्युत परियोजना’ के नाम से जाना जाता है और जो एशिया से अपनी तरह की योजना, को देख सकते हैं। इससे पांच किलोमीटर आगे वांगतू नामक स्थान है जो जनजातीय क्षेत्र किन्नौर का प्रवेश द्वार है।
बारालाचा-ला
यह केलांग से 73 किलोमीटर की दूरी पर लाहुल घाटी में स्थित है। बारालाचा नाम का अर्थ है एक दर्रा, जिसके शिखर पर चारों ओर से सड़कें आती हों। इसके सिरे पर लद्दाख, स्पीति और लाहुल में सड़कें आ मिलती हैं। स्पीति से कोई सड़क नहीं है, मात्र एक रास्ता है। यह दर्रा चंद्र भागा और यूनाम नदियों का उद्गम स्थल भी है। ये तीन दिशाओं में चंद्र भागा और लिंगती घाटियों से बहती हैं।
भंगाणी
यह वह स्थान है, जहां सिख गुरु गोबिंद सिंह ने गढ़वाल से फतेहशाह और 22 पहाड़ी शासकों की सेनाओं को हराया था। यह स्मारक उन शासकों की याद में बनाया गया है, जो वहां मारे गए थे तथा वे रानियां, जिन्होंने उस समय की परंपरा का निर्वहन करते हुए आत्मदाह कर लिया था। यह स्थान सिरमौर के पौंटा से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है। यह हिंदू और सिख दोनों की धार्मिक रुचियों का स्थान है।
चौंतड़ा
यह मंडी जिला की जोगिंद्रनगर तहसील में मनोहर और विचित्र गांव है। कभी यह गांव चाय की खेती के लिए प्रसिद्ध था। —क्रमशः
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