कंडाघाट मंडी को 70 लाख जारी
बागबानों-पुष्प उत्पादकों की उम्मीदें जवां, घर पर बिकेंगी फसलें
सोलन — कंडाघाट में बन रही प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी को बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। करीब 200 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की जा रही इस मंडी का कार्य जल्द शुरू हो सकता है। प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड ने इस कार्य के लिए करीब 70 लाख रुपए की पहली किस्त भी जारी कर दी है। बोर्ड द्वारा यहां पर सेब व पुष्प मंडी स्थापित की जा रही है। इस मंडी के बनने के बाद प्रदेश के पुष्प उत्पादकों को अपने उत्पाद लेकर दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार कंडाघाट में मंडी का शिलान्यास पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह द्वारा दिसंबर 2016 में किया गया था। इसके बाद यह मंडी लगातार विवादों में रही है। कुछ लोगोें ने भू-अधिग्रहण को लेकर आपत्ति जताई थी तथा प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी थी। इसके बाद उच्च न्यायालय ने भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। अब इस रोक को हटा दिया गया है तथा भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी लगभग पूरा कर दिया गया है। मार्केट कमेटी के नाम पर 105 बीघा जमीन हो चुकी है। नई सरकार बनने के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मंडी का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। बताया जा रहा है कि मंडी के निर्माण के लिए करीब 70 लाख रुपए की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है। कंडाघाट में मंडी बनने का सबसे अधिक फायदा प्रदेश के पुष्प उत्पादकों को होगा। प्रदेश की पहली पुष्प मंडी कंडाघाट में बनने जा रही है। वर्तमान में करीब 50 करोड़ रुपए का फूल दिल्ली स्थित मंडी में जा रहा है। इसी प्रकार सेब मंडी का निर्माण भी कंडाघाट में किया जा रहा है। वर्तमान में सेब मंडी न होने की वजह से शिमला व किन्नौर के बागबान परवाणू या फिर जाकर अपने उत्पाद को बेच रहे हैं। इसके आलावा कंडाघाट मंडी में किसानों को कोल्ड स्टोर की सुविधा भी मुहैया करवाई जा रही है। मार्केट कमेटी सोलन के सचिव प्रकाश कश्यप का कहना है कि नए अध्यक्ष बनने के बाद जल्द ही कंडाघाट मंडी का कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भू-अधिग्रहण से सबंधित अधिकत्तर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
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