कुछ फसाने विटामिन के

By: Jan 7th, 2018 12:15 am

हम जिस दौर में रह रहे हैं, उसमें विटामिंस को पोषण का पर्याय और पैमाना माना जाता है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि विटामिंस बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए आवश्यक हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याओं का समाधान विटामिंस के चहुं ओर खोजने की प्रवृत्ति के कारण विटामिंस को लेकर बहुत सारे फसाने हमारे दिमाग में घर बना चुके हैं…

हम जिस दौर में रह रहे हैं, उसमें विटामिंस को पोषण का पर्याय और पैमाना माना जाता है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि विटामिंस बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए आवश्यक हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याओं का समाधान विटामिंस के चहुं ओर खोजने की प्रवृत्ति के कारण विटामिंस को लेकर बहुत सारे फसाने हमारे दिमाग में घर बना चुके हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम विटामिंस के वास्तविक महत्त्व को समझें, इससे संबंधित करिश्माई फसानों से बचें और अपनी जीवन शैली में स्वास्थ्यप्रद आदतों का समावेश करें।

कुछ प्रमुख विटामिंस को लेकर जनता में एक किस्म की अनोखी जागरूकता भी है और गलतफहमियां भी। विटामिंस में विटामिन सी को लेकर अलग-अलग तरह के दावे होते रहते हैं। इसकी कमी से बच्चों में इसकी कमी हो तब तो उनकी हड्डियों के विकास पर भी इसका असर पड़ता है। विटामिन सी शरीर में एंटी-ऑक्सीडेंट गतिविधि का महत्त्वपूण रोल अदा करता है। यह आंतों में आयरन तत्त्व के पाचन में भी मदद करता है, लेकिन जरूरी नहीं कि इसे फूड सप्लीमेंट के रूप मे लिया जाए क्योंकि आपके खाने में वैसे भी पर्याप्त विटामिन सी होता है।

इसी तरह कई लोग इस विटामिन को भी नियमित लेते रहते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। आपके-हमारे भोजन में पर्याप्त विटामिन ई होता है। लोगों के बीच एक भ्रम जरूर है कि नियमित विटामिन ई के कैप्सूल लेने से त्वचा की चमक बढ़ जाती है या इससे हमारी उम्र लंबी हो जाएगी । इस विटामिन की कमी केवल तब पैदा हो सकती है जब हम आंतों की बीमारी के कारण भोजन में मौजूद विटामिन ई को पचा न सकें।

विटामिन डी को लेकर भी कम चर्चा नहीं होती। पहले तो यह जानें कि विटामिन डी वास्तव में विटामिन न होकर एक हार्मोन है, जबकि विटामिन वे पदार्थ होते हैं जो हमारे शरीर में लगभग नहीं बनते। इन्हें हम भोजन से ही प्राप्त करते हैं। इस तथ्य के विपरीत विटामिन डी, सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों द्वारा हमारी चमड़ी के नीचे खूब बनता है। वैसे यह हमारे कई भोज्य पदार्थों में भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है, तो विटामिन डी की गोलियों के चक्कर में फंसने से बेहतर विकल्प है कुछ देर तक सुबह की घूप सेंकना।

सप्ताह में कम से कम तीन दिन धूप में, 10 से 15 मिनट तक घूप सेंके और सनस्क्रीन लोशन लगाने के आकर्षण से बचें। विटामिंस जरूरी हैं, लेकिन हर रोग का इलाज विटामिंस की गोली नहीं। विटामिंस के फसाने से बचें और अपना स्वास्थ्य तथा पैसा दोनों बचाएं।


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