कोविंद ने बढ़ाई हिमाचली टोपी की शान

By: Jan 28th, 2018 12:06 am

राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान दिल्ली में बढ़ाया प्रदेश का मान

शिमला — हिमाचल में टोपियों को लेकर भले ही सियासत चमकती रहे। मगर यह प्रदेश के लिए किसी बड़े गौरव से कम नहीं है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिमाचली मैरून टोपी पहनकर शुक्रवार को सेना के तीनों अंगों व अर्द्ध सैनिक बलों की सलामी ली। इससे हर हिमाचली का सिर गौरव से ऊंचा होना स्वाभाविक ही था। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरीका व इजरायल की यात्रा के दौरान ऐसी ही टोपी पहनकर प्रदेश का गौरव बढ़ा चुके हैं। यही नहीं उन्होंने बतौर गिफ्ट ऐसी ही टोपी, कुल्लवी शॉल और कांगड़ा का ब्रैसलेट इजरायल के अति विशिष्ट लोगों को दिया था। अति विशिष्ट लोगों द्वारा हिमाचल के इन उत्पादों का पहनना ही काफी नहीं है,इससे हिमाचल के हथकरघा व हस्तशिल्प उत्पादों की राष्ट्रीय व अंतराष्ष्ट्रीय स्तर पर ब्राडिंग भी होती है, जिससे विदेशों व स्वदेशी मार्केट तक में ऐसे उत्पादों को बड़ा बाजार उपलब्ध होता है। यह कोई पहला मौका नहीं है। इससे पहले चंबा का रूमाल भी ऐसा ही गौरव कई मर्तबा हासिल करता रहा है। दरअसल जिस टोपी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पहनकर हिमाचल को गौरव प्रदान किया वह भाजपा की टोपी मानी जाती है। हालांकि यह टोपी पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. धूमल व कई अन्य दिग्गज नेता पहनते आ रहे हैं। गाहे-बगाहे हिमाचल यात्रा के दौरान  यही टोपी केंद्रीय नेताओं को कुल्लवी या किन्नौरी शॉल के साथ बतौर भेंट दी जाती रही है। कांग्रेस राज के दौरान बुशहरी यानी हरी टोपी का प्रचलन रहता है। आज भी कई केंद्रीय कांग्रेस नेता जिनमें पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी व अन्य दिग्गज हरी टोपी पहने देखे जा सकते हैं। भले ही हिमाचल के नेता टोपी को लेकर कुछ भी बयानबाजी करते रहे हों, उनके समर्थक किसी भी तरह की राजनीति में संलिप्त रहे हों।  मगर केंद्रीय नेताओं के लिए यह अब सम्मान की सूचक बनती जा रही है। इसी बहाने हिमाचल के हथकरघा व हस्तशिल्प उत्पादों की ब्राडिंग भी हो रही है।


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