क्या सरकारी बंगले के हकदार हैं पूर्व पीएम

By: Jan 18th, 2018 12:03 am

नई दिल्ली— सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से कहा है कि वह बताए कि क्या पूर्व प्रेजिडेंट, पूर्व पीएम और पूर्व सीएम सरकारी आवास पाने के हकदार हैं? सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें याचिकाकर्ता ने यूपी के उस कानून को चुनौती दी है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला देने का प्रावधान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार के अपने पक्ष रखने को कहा है। इस मामले में कोर्ट सलाहकार सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रह्मण्यम से सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव मांगा था। कोर्ट सलाहकार ने इस मामले में अपना सुझाव दिया था। उन सुझावों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र सरकार और राज्यों के वकील पर छोड़ते हैं कि इस मामले में सरकार से निर्देश लेकर आएं। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 13 मार्च की तारीख तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि एनजीओ लोक प्रहरी ने यूपी सरकार के कानून को चुनौती दी है और अगर वह कानून अवैध करार दिया जाता है तो इसका असर अन्य राज्यों के इसी तरह के कानूनों पर भी हो सकता है। तब कोर्ट सलाहकार ने कहा कि यह सही होगा कि इस मामले में केंद्र सरकार के अटर्नी जनरल और राज्यों के एडवोकेट जनरल से निर्देश लेकर आने को कहा जाए। यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को उम्रभर के लिए सरकारी निवास देने के प्रावधान का सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षण करने का फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह मामला जनहित से जुड़ा है और सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रह्मण्यम को मामले में कोर्ट सलाहकार बनाया था। लोक प्रहरी संगठन की ओर से इस मामले में याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था।


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