घटेगी कृषि आय

By: Jan 31st, 2018 12:06 am

जलवायु परिवर्तन से 20 से 25 फीसदी हो सकती है कम

नई दिल्ली— कृषिगत आय पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल असर के प्रति आगाह करते हुए आर्थिक समीक्षा 2017-18 में कहा गया है कि इससे कृषिगत आय के मध्यम तौर पर 20-25 प्रतिशत तक घटने का जोखिम हो सकता है। इससे बचने के लिए सिंचाई में नाटकीय सुधार, नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल तथा बिजली व उर्वरक सबसिडी को और बेहतर ढंग से लक्षित करने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही सरकार को आमूल अनुवर्ती कार्रवाई का सुझाव दिया गया है, ताकि कृषिगत दबाव पर ध्यान देने व किसानों की आय दोगुनी करने के दोहरे लक्ष्य को हासिल किया जा सके। चूंकि कृषि राज्य का विषय और खुला राजनीतिक आर्थिक सवाल है इसलिए समीक्षा में जीएसटी परिषद जैसे ही प्रणाली की वकालत की है, ताकि कृषि क्षेत्र में और सुधार लाए जा सकें और किसानों की आय बढ़ाई जा सके। आर्थिक समीक्षा 2017-18 मंगलवार को संसद में पेश की गई। इसमें कहा गया है जलवायु परिवर्तन, जिसका असर भारतीय कृषि पर पहले ही नजर आ रहा है, से कृषि आय मध्यम स्तर पर 20- 25 प्रतिशत तक घट सकती है। जलवायु परिवर्तन से सालाना कृषि आय में औसतन 15 से 18 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है, जबकि असिंचित क्षेत्रों में यह गिरावट 20-25 प्रतिशत तक हो सकती है। समीक्षा के अनुसार मझौले किसान परिवार के लिए औसत कृषि आय 3600 रुपए सालाना से अधिक बैठती है। मोटे अनाज केंद्रित कृषि नीति की समीक्षा का आह्वान करते हुए कहा है कि जलवायु परिवर्तन के असर को कम से कम करने के लिए महत्वपूर्ण बदलावों की जरूरत है। सिंचाई जल की कमी तथा भूमिगत जल स्तर में गिरावट के बीच भारत को सिंचित क्षेत्र का दायरा बढ़ाना होगा। इस समय लगभग 45 प्रतिशत कृषि भूमि सिंचित है। गंगा का मैदानी इलाका, गुजरात व मध्य प्रदेश के अनेक हिस्से अच्छी तरह से सिंचित हैं।


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