घुमारवीं शहर…मतलब कूड़ा ही कूड़ा

By: Jan 19th, 2018 12:07 am

सारी योजनाएं फेल, डस्टबिन के बाहर लगे ढेर, लोगों को झेलनी पड़ रहीं दिक्कतें

घुमारवीं – घुमारवीं शहर में कूड़े की समस्या कम होने की अपेक्षा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शहर के बस अड्डे, नेशनल हाई-वे के किनारे व हर गली में कूड़ा-कर्कट ही बिखरा हुआ है, जिससे घुमारवीं शहर कूड़ा-कूड़ा ही नजर आ रहा है। आलम यह है कि शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए नगर परिषद की सारी योजनाएं फेल होकर रह गई हैं, जिससे कूड़ेदानों के बाहर ही कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। नगर परिषद घुमारवीं को कूड़ा ठिकाने लगाना गले की फांस बन गया है। डंपिंग साइट का चयन न होने के कारण जी का जंजाल बन चुका कूड़ा कूड़ेदानों के बाहर बिखरा पड़ा हुआ है। शहर के किसी भी हिस्से में नजर दौड़ाएं, तो कूड़ा ही कूड़ा बिखरा नजर आएगा। शहर में बस अड्डे पर, शिमला-धर्मशाला नेशनल हाई-वे पर इंदिरा मार्केट के सामने, अस्पताल के नजदीक, दकड़ी चौक   व आईपीएच कालोनी के बाहर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। कूड़ेदानों के बाहर शहर में बिखरे कूड़े को सप्ताह में एक या दो बार उठाया जा रहा है, जिससे लोगों सहित दुकानदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कूड़े के ढेर से उठने वाली दुर्गंध से लोग परेशान हैं। विदित रहे कि घुमारवीं नगर परिषद में पिछले कई महीनों से कूड़े की किचकिच चल रही है। कूड़ा फेंकने को पहले भदसीं में अस्थायी तौर पर बनाई गई डंपिंग साइट का लोगों ने विरोध किया।  जिससे घुमारवीं शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए। मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया। हाई कोर्ट के आदेशों के बाद बीडीओ कार्यालय घुमारवीं में तत्कालीन उपायुक्त की अध्यक्षता में भदसीं व बजोहा के लोगों सहित नगर परिषद अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बजोहा के लोगों ने कूड़ा संयंत्र लगाने तथा भदसीं के लोगों ने कूड़ा फेंकने का विरोध किया था। जिसके बाद उपायुक्त ने कूड़ा फेंकने के लिए डंपिंग साइट व कूड़ा संयंत्र के लिए उपयुक्त जमीन तलाश करने के निर्देश दिए थे। बैठक में मिले आदेशों के कुछ दिन बाद तक घुमारवीं में स्थिति जैसे-तैसे चलती रही, लेकिन, कूड़े को ठिकाने लगाने के लिए जमीन सिलेक्ट न होने से दिक्कत दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। शहर में पिछले कुछ दिनों से कूड़ा न उठाने से यहां पर समस्या गंभीर हो गई। जिससे शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए। जहां पर भी कूड़ा फेंका जा रहा है, वहां पर लोग विरोध करने उतर जा रहे हैं, जिससे यह समस्या दिन-प्रतिदिन विकराल होती जा रही है। पिछले दिनों शहर से उठाए गए कूड़े ढेर को उठाकर गाड़ी में भरकर घुमारवीं-पनोह रोड पर नाले के समीप फेंकने लगे, तो वहां पर काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। लोगों ने यहां पर कूड़े से भरे टिप्पर को रोक दिया तथा जमकर विरोध कर नारेबाजी की। कूड़े को ठिकाने लगाने के लिए जमीन सिलेक्ट न होने के कारण इसके बाद दोबारा शहर से कूड़ा उठाना नगर परिषद के लिए गले का फांस बन गया है, जिससे शहर में कई स्थानों पर कूड़े के ढेर लगे हुए देखे जा सकते हैं, जिससे कूड़े के कारण लोगों की समस्या बढ़ गई है।

डोर-टू-डोर कलेक्शन स्कीम भी हांफी

शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने के लिए नगर परिषद ने कुछ वार्डों में डोर-टू-डोर योजना चला रखी थी। कुछ दिन या योजना काफी सफल रही, लेकिन अब यह योजना भी पूरी तरह से हांफ गई है। वहीं, इस बारे नगर परिषद का तर्क है कि कूड़े को ठिकाने लगाने के लिए जमीन सिलेक्ट न होने के कारण डोर-टू-डोर जाकर कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है। जब तक कूड़ा ठिकाने लगाने के लिए जमीन सिलेक्ट नहीं हो जाती, तब तक घर-घर से कूड़ा उठाना मुश्किल है।


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