ट्रेनिंग करवाओ और फाइलें निपटाओ

By: Jan 10th, 2018 12:01 am

एसपी सजीव गांधी को बना दिया ‘फुटबाल’, छह माह में चार ट्ररांसफर

 मटौर— खनन और नशा माफिया की जड़ें हिलाने वाले आईपीएस आफिसर एसपी संजीव गांधी का अब जुन्गा बटालियन में तबादला कर दिया गया। संजीव गांधी को जिला पुलिस प्रमुख से हटाकर बटालियन में भेजने का मतलब है कि उनको अब सामाजिक व आपराधिक गतिविधियों से कुछ लेना-देना नहीं है। ट्रेनिंग करवाओ, और फाइलें निपटाओ। संजीव गांधी के छह महीनों में चार तबादले किए गए। कांग्रेस के कार्यकाल में पहले उन्हें कांगड़ा से एसपी सिरमौर लगाया गया। कांगड़ा के लोगों ने विरोध किया तो कुछ दिन तबादला रोक दिया गया, लेकिन बाद में एसपी बीबीएन के आदेश जारी कर दिए गए। कुछ दिन बाद एकदम से एसपी ऊना के आदेश किए गए। आखिर गांधी ने बतौर एसपी जुलाई में ज्वानिंग दे दी। अब प्रदेश में सत्तासीन भाजपा सरकार ने छह माह बाद फिर उन्हें जुन्गा भेज दिया। गौरतलब है कि संजीव गांधी ने जब बतौर डीएसपी हिमाचल पुलिस में सेवाएं शुरू की थीं तो उन्होंने नशा माफिया की चूल्हें हिला दीं थीं। कांगड़ा के बच्चे-बच्चे की जुबान पर उनका नाम रहता था। जब वह पहली बार एसपी बनकर कांगड़ा आए तो लोगों ने फिर से एक बार चैन की सांस ली। वाहनों की स्पीड पर कंट्रोल हुआ, जिससे सड़क हादसों में कमी आई। लोगों ने हेलमेट पहनना सीख लिया। ऊना में भी उन्होंने अपनी मुहिम को इसी तरह जारी रखा, लेकिन वहां से भी उन्हें हटाकर बटालियन में भेज दिया गया।

तबादलों से नया नहीं है गांधी का रिश्ता

देखा जाए तो तबादलों से संजीव गांधी का रिश्ता कोई नया नहीं है। पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2009 में जब वह एएसपी कांगड़ा आए थे तो तीसरे ही महीने उनके ऑर्डर सेकंड बटालियन सकोह कर दिए गए थे। विरोध हुआ तो कुछ दिनों बाद फिर उन्हें एसपी पीटीसी डरोह भेज दिया गया। वहां से फिर उन्हें एसपी विजिलेंस मंडी भेज दिया गया। उसके बाद फिर उनके आर्डर सेकंड बटालियन सकोह में कर दिए गए थे।


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