डाक्टर सस्ती दवाइयां ही लिखें

By: Jan 8th, 2018 12:10 am

सरकारी चिकित्सकों को दिए निर्देश, मरीजों को मिलेगी राहत

शिमला— प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब चिकित्सकों को सबसे पहले मरीजों को अस्पतालों में मिलने वाली सस्ती दवाइयों को प्राथमिकता देनी होगी। सरकारी अस्पतालों के जेनेरिक स्टोर व उचित मूल्यों की दुकानों में मिलने वाली दवाइयों के ही नाम चिकित्सकों को मरीजों की पर्ची पर लिखने पड़ेंगे। स्वास्थ्य विभाग व प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि मरीजों को महंगी दवाइयां न खरीदनी पड़े, इसके लिए चिकित्सक प्रयास करें कि सस्ती दवाइयां ही मरीजों के इलाज के लिए लिखें। प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग की इस पहल के बाद प्रदेश के गरीब व जरूरतमंद मरीजों को राहत मिलेगी और अपने इलाज में किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरतेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर कोई चिकित्सक किसी मरीज को महंगी दवाई लिखता पकड़ा गया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। हालांकि चिकित्सकों को यह प्रावधान भी दिया गया है कि अगर अस्पताल के जेनेरिक व उचित मूल्य की दुकानों में सस्ती दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पाती हैं, तब इस स्थिति में वे मरीजों से बाहर से दवाइयां मंगवा सकते हैं। वहीं मरीजों को अगर लगता है कि अस्पतालों में चिकित्सकों द्वारा महंगी दवाइयां लिखी जा रही हैं, तो वे भी स्वास्थ्य विभाग में शिकायत कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की हमेशा यही शिकायत रहती है कि उन्हें अस्पतालों में मिलने वाली सस्ती दवाइयों का लाभ नहीं मिल पाता। इस बारे में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार भी घोषणा कर चिकित्सकों से आग्रह कर चुके हैं कि वे महंगी दवाइयों से परहेज कर सस्ती दवाइयां ही मरीजों को लिखें।


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