तीन गढ़ पक्के करने को कसी कमर

By: Jan 28th, 2018 12:02 am

भाजपा ने शुरू की तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों की तैयारी, बड़े फेरबदल के आसार

नई दिल्ली— भले ही अभी त्रिपुरा, मेघालय और कर्नाटक के विधानसभा चुनाव पर लोगों की नजरें हों, लेकिन बीजेपी ने इस साल के अंत में होने वाले तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी इन तीन राज्यों को इसलिए गंभीरता से ले रही है, क्योंकि इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी की लंबे समय से सरकार है और इन चुनावों के बाद सीधे लोकसभा चुनाव होंगे। ऐसे में पार्टी की चिंता यह है कि इन तीन राज्यों में चुनावी नतीजे बीजेपी के खिलाफ न जाएं, वरना इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेताओं की चिंता कर्नाटक से ज्यादा साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों की है। यही वजह है कि अब पार्टी इन राज्यों के लिए संगठन में बदलाव भी कर सकती है। पार्टी नेताओं का मानना है कि ये तीनों राज्यों की स्थिति लगभग गुजरात वाली ही है, जहां पार्टी की साख दांव पर है। यही वजह है कि पार्टी अब इन राज्यों के लिए अपने संगठन में कुछ बदलाव कर सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय नेतृत्व फिलहाल चाहता है कि इन तीनों ही राज्यों में सरकार और संगठन के बीच तालमेल और बेहतर हो, ताकि जिन कमियों को महसूस किया जा रहा है, उन्हें राज्य सरकारें वक्त रहते दुरुस्त करें। इसके अलावा पार्टी इन तीनों राज्यों में न सिर्फ सरकार के कामकाज बल्कि विधायकों के बारे में सर्वे करा रही है, ताकि जिन क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति कमजोर हो, वहां अभी से काम शुरू कर दिया जाए। हाल ही में खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इन तीनों ही राज्यों की स्थिति के बारे में आकलन भी किया और फिर राज्य सरकारों को कुछ जनता से जुड़ी योजनाओं पर काम करने के भी निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में एक बार फिर शाह इन राज्यों का दौरा करके वहां के संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठक करके जमीनी हकीकत का आकलन करेंगे।

ग्रामीण इलाकों पर ज्यादा फोकस

गुजरात चुनाव के बाद अब पार्टी इन तीनों ही राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस करना चाहती है। पार्टी ने खासतौर पर मध्यप्रदेश सरकार से कहा है कि वह संगठन के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में फीडबैक लेकर वहां आवश्यकतानुसार राहत योजनाएं लागू करे। इसी तरह से छत्तीसगढ़ में पार्टी ने अभी से उन नेताओं को भी टटोलना शुरू कर दिया है, जिनको अपने साथ लाकर कांग्रेस को झटका दिया जा सके। दरअसल, बीजेपी की चिंता यह भी है कि राजस्थान में यह परंपरा रही है कि हर बार सरकार बदल जाती है। जबकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लंबे समय से बीजेपी की सरकारें हैं। ऐसे में अगर सत्ता विरोधी लहर ने काम किया तो उसके लिए समस्या खड़ी हो सकती है। पार्टी को लग रहा है कि अगर इन तीनों राज्यों में निगेटिव नतीजे आए तो उससे लोकसभा चुनाव से ऐन पहले उसके लिए माहौल खराब हो सकता है।


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