दस साल बाद भी नहीं बढ़े गेहूं पिसाई के रेट

By: Jan 16th, 2018 12:01 am

मंडी – फ्लोरमिल मालिकों को प्रति क्विटंल पर दिए जाने वाली रकम में दस साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है। फ्लोर मिलर्ज एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी गौरव कुमार परिहार ने कहा कि कुटीर उद्योगों से संबंधित चक्की मालिकों को केवल 60 रुपए प्रति क्विंटल दिए जाते हैं। इसमें भी करीब दस साल से बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि संबंधित खाद्य आपूर्ति विभाग मिलों से क्विंटल गेहूं के बदले में सिर्फ 94 फीसदी आटा लेती हैं और मिलें छह प्रतिशत चोकर मुफ्त में दे दी जाती हैं। छह प्रतिशत में हर क्विंटल गेहूं में दो प्रतिशत कूड़ा, कंकड़ व धूल इत्यादि सफाई के समय निकल जाता है। दूसरी तरफ विभाग को उनके द्वारा निर्धारित की गई चोकर की राशि का भुगतान अलग से किया जाता है। विभाग ने पहले ही 50 किलो की खाली बोरियों की कीमत मिलों को मिलने वाले एक्स मिल रेट्स में काट दी होती है। कुटीर उद्योगों में संलिप्त चक्की मिल मालिकों को विभाग के ऊपर इस प्रकार अंगुली उठाने से पहले तथ्यों की संपूर्ण जानकारी एकत्रित कर लेनी चाहिए तथा तथ्यविहीन आरोप नहीं लगाने चाहिए।


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