धनौला-ससोता को मांगी सड़क

By: Jan 29th, 2018 12:05 am

 बिलासपुर — झंडूता विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक जीतराम कटवाल से धनीं, धनौला, ससोता, चौड़ाघाट व काथली गांव के लोगों ने सड़क सुविधा की गुहार लगाई है। इन गांवों के लोग 15 सालों से सड़क सुविधा से महरूम हैं। यहां पर न तो सड़क सुविधा है और न ही आपातकालीन समय में कोई स्वास्थ्य सुविधा। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि 15 सालों से हर बार नई सरकार उनको इस असुविधा से निजात दिलाने के लिए दिलासे दिलाती रहती है, परंतु जब सरकार बन जाती है तो तब न तो कोई विधायक यहां आता है और न ही कोई सरकार।  वहीं अब लोगों के मन में यह भी सवाल पैदा हो गया है कि क्या झंडूता विस क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक जीतराम कटवाल इन गांवों की समस्या को दूर कर पाएंगे की नहीं। गौर हो कि कुछ माह पहले इन गांवों के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस समस्या को लेकर एक शिकायत पत्र दिल्ली में भेजा था। इस दौरान कुछ समय बाद पीएम आफिस से इस शिकायत पत्र का जवाब आया था कि इस समस्या के बारे संबंधित विभागीय अधिकारी व स्थानीय विधायक से जवाब तलब किया गया है। परंतु कई माह बीत गए न तो वह विभागीय अधिकारियों से कोई जवाब आया और न ही स्थानीय विधायक ने इस समस्या के बारे कोई हल निकाला। वहीं, जब भी इस समस्या के बारे संबंधित विभागीय अधिकारियों से बात की जाती है तो हमेशा उनके पास बजट न होने का दिलासा उन्हें दिया जाता है। अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या 15 सालों से इस विभाग के पास इन गांवों में सड़क बनाने के लिए क्या कोई बजट नहीं है! या फिर कोई राजनीतिक दबाव के कारण यह काम शुरू ही नहीं किया जा रहा है। अब यह कहना मुश्किल है आखिरकार 15 सालों से इन गांवों से क्यों सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। बता दें कि झंडूता क्षेत्र के घोड़ी, ससोता, चौड़ाघाट, धनौला, धनीं व काथली गांव में 15 सालों से अभी तक भी यहां पर सरकार द्वारा सड़क निर्माण नहीं किया गया है। यहां के लोगों को मजबूरन पांच से छह किलोमीटर पैदल चलकर बस लेनी पड़ती है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार यहां के स्थानीय नेताओं व उक्त विभाग को अवगत करवाया गया, लेकिन यहां के हालातों में बिलकुल भी सुधार नहीं आया है। वहीं स्थानीय लोगों में प्रदीप, राजेश कुमार, दुर्गी देवी, सविता रानी, वंदना, सुरजीत, राजरानी, प्रतिभा, बाबूराम, राजेश्वर, ओमप्रकाश, जितेंद्र ठाकुर, गौरव, विशाल, नरेंद्र शर्मा व अन्य लोगों ने बताया कि यहां पर लोगों को बस लेने के लिए भी पांच किलोमीटर दूर जाकर धनीं से बस लेनी पड़ती है, जिससे लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि यहां पर पांच किलोमीटर दूर तक बिलकुल ही कच्चा रास्ता सा बना है, जहां से प्रतिदिन लोगों को गुजरना पड़ता है। परंतु विभाग द्वारा 15 सालों से न ही इस रास्ते को पक्का किया गया है और न ही इस रास्ते की मरम्मत करवाई गई है। उन्होंने बताया कि यहां पर आपातकालीन समय में अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो पांच किलोमीटर पैदल चल कर उन्हें गाड़ी या एंबुलेंस लेनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा यहां पर पांच किलोमीटर दूरी पर भले ही डिस्पेंसरी बनाई गई हो, परंतु इस डिस्पेंसरी का लाभ यहां के लोगों को बिलकुल भी नहीं मिल रहा है क्योंकि यहां पर कोई भी डाक्टर  नहीं है। यह डिस्पेंसरी मात्र सिर्फ  एक फार्मासिस्ट के हवाले है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हाल ही में यहां पर एक वृद्व की हालत नाजुक हो गई थी, जिससे यहां के स्थानीय लोगों को मजबूरन चारपाई पर लेटा कर पांच किलोमीटर दूर डिस्पेंसरी ले जाना पड़ा, परंतु वहां पर डाक्टर न होने से उन्हें बिलासपुर अस्पताल लाना पड़ा। वहीं, लोगों ने बताया कि इन गांवों को स्थानीय प्रशासन की तरफ  से केंद्र सरकार की योजनाओं का बिलकुल भी लाभ नहीं पहुंच रहा है, जिससे अभी तक भी इन गांवों को पिछड़ा क्षेत्र नाम से पहचाना चाहता है।

गांवों की प्रमुख समस्याओं का हो हल

उन्होंने प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि यहां पर जल्द से जल्द इन गांवों की प्रमुख समस्याओं को हल किया जाए या फिर उन्हें लिखित रूप से निर्माण कार्य न होने को कारण बताएं। वहीं, जब इस संदर्भ में झंडूता विधानसभा क्षेत्र के विधायक जीतराम कटवाल से फोन पर संपर्क किया गया तो वे मीटिंग में व्यस्त होने का हवाला देकर उन्होंने फोन

काट दिया।


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