धरती से टकराएगा चीनी सेटेलाइट

By: Jan 18th, 2018 12:04 am

बीजिंग— चीन की खतरनाक रसायन से भरी हुए मानव रहित स्पेस लैब (अंतरिक्ष प्रयोगशाला) टीयांगोंग-1 मार्च और अप्रैल के बीच धरती से टकरा सकती है। यह बात ताजा अनुमान में कही गई है। अंतरिक्ष को मॉनिटर करने वाली अलग-अलग एजेंसियों ने हाल ही में तीन अलग-अलग भविष्यवाणियां की हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि अंतरिक्ष स्टेशन का अधिकतर हिस्सा जलकर खाक हो जाएगा और सेटेलाइट का करीब 10 से 40 फीसदी बचा हुआ हिस्सा मलबे के रूप में गिर सकता है। इसके कुछ हिस्सों में खतरनाक केमिकल हो सकते हैं। पेरिस स्थित यूरोपीयन अंतरक्षि एजेंसी (ईएसए), जिसे हैवेनली पैलेस कहा जाता है, के विशेषज्ञ भी टीयांगोंग-1 पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। चीन की अंतरक्षि एजेंसी के मुताबिक, दिसंबर 2017 से टीयांगोंग-1 289.1 किलोमीटर (179 मील) से 281.3 किलोमीटर (174 मील) की औसत रफ्तार से नीचे आ रहा है। यूरोपीयन अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) 12 जनवरी को अपने अनुमान में इसे 17 मार्च से 21 अप्रैल के बीच धरती से टकराने का अंदेशा जताया है। इस वक्त यह सबसे सही अनुमान माना जा रहा है। हालांकि, एजेंसी यह बात मान रही है कि इसमें समय परिवर्तन की काफी संभावना है। अंतरिक्ष के करीब 15 हजार सेटेलाइट को 3डी ट्रैकिंग की सुविधा देने वाली वेबसाइट सेटफ्लायर का भी मानना है कि अगले तीन महीने के अंदर यह अंतरिक्ष स्टेशन धरती पर गिर सकता है। इसने अपने विश्लेषण में यह बताया है कि मार्च में इस सेटेलाइट के धरती पर आने की संभावना (20 फीसदी), अप्रैल में (60 फीसदी) और मई 2018 में (20 फीसदी) है। हालांकि, इसमें भी परिवर्तन की बात कही गई है। अंतरिक्ष मिशन के सभी पहलुओं पर तकनीकी गाइडेंस और सुझाव देने वाले कैलिफोर्निया के नोन प्रोफिट कारपोरेशन ‘एयरोस्पेस कॉर्प’ ने भी इस बारे में अपनी भविष्यवाणी जारी की है। इसने बताया है कि टीयांगोंग-1 के मध्य मार्च तक धरती पर वापस लौटने की संभावना है। हालांकि, इसमें दो हफ्ते इधर या उधर हो सकता है। इसने कहा है कि लोगों के इसके गिरने ेवाले मलबे से चिंता  नहीं करनी चाहिए।

क्या है टीयांगोंग-1

चीन ने सितंबर 2011 में इस स्पेस लैब को अंतरिक्ष की कक्षा में भेजा था। अंतरिक्ष में स्थायी प्रयोगशाला स्थापित करने के प्रयासों में जुटे चीन के लिए इसे मील का पत्थर माना गया था। टीयांगोंग-1 या स्वर्गीय महल ने 16 मार्च, 2016 को काम करना बंद कर दिया था।

मलबे के रसायन से हो सकता है कैंसर

अंतरिक्ष के इतिहास में अभी तक कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है, जब इसके गिरने वाले मलबे से किसी को नुकसान पहुंचा हो। हालांकि कैलिफोर्निया के एयरोस्पेस कॉर्प ने चीनी सेटेलाइट के धरती पर गिरने के बेहद गंभीर खतरे से चेताया है। रॉकेट में लंबे समय तक चलने के लिए ईंधन के तौर पर हाइड्राजीन का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा कहा जा रहा है कि अनियंत्रित रसायन से भरे अंतरिक्ष स्टेशन का मलबे धरती पर गिरने से लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।


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