नौहराधार में पगार को तरसे वाटर गार्ड
नौहराधार – सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग नौहराधार में पंचायतों के माध्यम से रखे गए वाटर गार्ड आज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सरकार व विभाग ने इन वाटर गार्डों को रोजगार होते हुए भी पिछले पांच महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। इसे विभाग की लापरवाही कहें या फिर वाटर गार्ड की बदकिस्मती कहें। वाटर गार्ड को लंबे समय से वेतन न मिलने के चलते इन्हें बेरोजगार बना दिया है। जिला सिरमौर में विभाग में 215 गार्ड अपनी सेवाएं दे रहे हैं। नौहराधार सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंडल में 17 कर्मचारी तैनात हैं। पहले आईपीएच विभाग पंचायत को एलओसी देता था, लेकिन अब ब्लॉक से गार्डों का वेतन आता है जिन्हें पिछले छह माह से वेतन नसीब नहीं हुआ है, जिसके चलते उन्हें आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। पहले ही इनका वेतन मात्र 1500 रुपए मासिक है ऊपर से हर माह वेतन न मिलना। यह कर्मचारी कैसे अपने परिवार का पालन-पोषण करेंगे। इन जलरक्षकों का कार्य केवल पानी छोड़ना व बंद करना है, लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते विभाग पूरा-पूरा दिन इन वाटर गार्डों से काम लेता है। नौहराधार मंडल में तैनात जलरक्षक नौहराधार इकाई अध्यक्ष पूर्ण चंद, यशवंत चौहान, पंकज, कपिल पुंडीर, सुनील, नवीन, कमलेंद्र चौहान आदि ने बताया कि वह दिन भर सेवाएं दे रहे हैं। पहले ही उनका वेतन मात्र 1500 रुपए है, जिससे गुजारा करना मुश्किल है ऊपर से पगार के लिए हर रोज बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं। इन्होंने बताया कि पूर्व सरकार ने इनके वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की है और न ही पूर्व सरकार ने उनके नियमितीकरण के लिए कोई पालिसी बनाई है। खाली आश्वासन ही मिलते आए हैं। अब नई सरकार से उम्मीद है कि यह सरकार जलरक्षकों के लिए ठोस नीति बनाएगी। इन लोगों ने विभाग से मांग की है कि जल्दी ही इनका वेतन डाला जाए। उधर, जिला परियोजना अधिकारी नाहन विपाशा भोटा ने बताया कि जिला में तैनात जलरक्षकों के अकाउंट सही न मिलने से परेशानी हो रही थी, लेकिन अब शीघ्र ही सभी का वेतन डाल दिया जाएगा।
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