पहली से खाद पर सबसिडी खाते में

By: Jan 19th, 2018 12:07 am

किसानों को आधार कार्ड, अन्य पहचान-पत्र दिखाना जरूरी

शिमला— कृषि विभाग की ओर से प्रदेश के किसानों को पहली फरवरी से खादों पर प्रत्यक्ष लाभ अतंरण योजना यानी डीपीटी लागू की जा रही है। इस योजना के तहत अब किसानों को खाद लेने के लिए परचून केंद्रों, सहकारी सभाओं और डिपो होल्डरों में पीओएस यानि प्वांइट ऑफ सेल मशीन में आधार कार्ड और अन्य मानक पहचान-पत्र दिखाना होगा। किसानों पर कोई बोझ न पडे़, इसलिए यह योजना सामान्य डीबीटी जो कि रसोई गैस सबसिडी में लागू है, के आधार पर लागू की गई है। रसोई गैस के लिए डीबीटी में ग्राहक बाजार मूल्य पर गैस सिलेंडर खरीदते हैं और सरकार सबसिडी को ग्राहक के बैंक खाते में बाद में जमा करती है। इसी तर्ज पर किसानों को सबसिडी वाले दर पर उर्वरक मिलेगा और सरकार कंपनियों को सबसिडी देंगी, इसलिए किसान रिटेलर से सबसिडी वाली दर पर उर्वरक खरीदेंगे और लेन-देन का विवरण प्वाइंट ऑफ  सेल मशीनों पर दर्ज किया जाएगा। सरकार सबसिडी को कंपनियों को खुदरा विके्रताओं द्वारा वेबसाइट पर अपलोड किए गए विक्रय आंकड़ों की जांच के बाद ही जारी करेगी। वास्तविक बिक्री सबसिडी भुगतान से जुड़ी होने के कारण इस याजना से अधिक पारदर्शिता आएगी और खाद बेचने वाली कंपनियों की मनमानी पर शिकंजा कसेगा। इसके लिए 25 से 30 जनवरी तक प्रदेश के कृषि विभाग कार्यालयों में रिटेलरों को जारी की गई पीओएस मशीन में स्टॉक पुनः दर्ज किया जाएगा। इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारी तय कार्यक्रम स्थल पर खुद भी उपस्थित रहेंगे। खाद विके्रता 25 से 30 जनवरी तक बिना पुनः दर्ज के रसीद और विक्रय जैसे कार्य नहीं कर पाएंगे। खादों के लाइसेंसधारक विके्रताओं को विभाग से 20 जनवरी से पहले खादों की बिक्री करने के लिए पीओएस मशीन संबंधित कृषि उपनिदेशक कार्यालय से प्राप्त करनी होगी। सभी रिटेलर कृषि उपनिदेशक कार्यालय और आबंटित खाद कंपनी से संपर्क कर रिइनश्लाइजेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर और अपनी पीओएस मशीन, स्टॉक रजिस्टर, आधार कार्ड एवं रिइनश्लाइजेंशन सर्टिफिकेट के साथ कृषि उपनिदेशक द्वारा तय स्थल पर लाना तय करें, ताकि पहली फरवरी से खादों पर प्रत्यक्ष लाभ अतंरण योजना को लागू किया जा सके।


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