पीजीआई में मौत से जंग हारी ओलवा गांव की गीता

By: Jan 28th, 2018 12:05 am

आनी—दलाश पंचायत के गोहान गांव में आग में झुलसी और पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन गीता देवी की शनिवार सुबह मौत हो गई। गीता देवी की मौत की खबर से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। गीता के पार्थिव शरीर को पीजीआई से उसके घर ओलवा लाने के लिए आनी से पुलिस की टीम रवाना हो गई है। उम्मीद है कि रविवार शाम तक मृत गीता देवी का पार्थिव शरीर ओलवा पहुंच पाएगा। गीता के इलाज के सचेत संस्था की अपील पर सैकड़ों लोगों ने आर्थिक मदद को हाथ बढ़ाकर जल्द स्वस्थ होने की दुआ की थी, लेकिन होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था। ज्ञात हो कि ओलवा में ब्याही और अपने मायके गई 33 वर्षीय गीता देवी उस समय आग में झुलस गई, जब जंगल में फैली आग उसके मायके के खेत और घरों की तरफ  आ रही थी। इस घटना में उसके साथ एक ओर महिला भी आंशिक रूप से झुलसी थी, जिसे उपचार के लिए सीएचसी दलाश लाया गया था, जहां से अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण चौहान ने प्राथमिक उपचार के बाद करीब 70 प्रतिशत से भी ज्यादा जल चुकी गीता देवी को आईजीएमसी शिमला रैफर कर दिया था, जहां से उसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर किया गया था।  गौर रहे कि सचेत संस्था की अपील पर आनी क्षेत्र के सैकड़ों लोग गीता के जल्द स्वस्थ होने की दुआ करते रहे, जबकि सैकड़ों लोगों ने आनी क्षेत्र के अलावा देश-विदेश से भी धनराशि दान करनी शुरू कर दी थी। वहीं, डीसी कुल्लू यूनुस और मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विनय सिंह ने भी महिला के इलाज में धन की कमी आड़े न आने देने को लेकर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया था, लेकिन शनिवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे पीजीआई में उपचाराधीन गीता देवी जिंदगी और मौत की जंग लड़ते-लड़ते इस दुनिया से विदा हो गई। गीता देवी की मौत की खबर मिलते ही क्षेत्रवासी गमगीन हैं।


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