मटमैला पानी पीने को नयनादेवी मजबूर

By: Jan 24th, 2018 12:07 am

बीमारियों की आशंका बढ़ी, ग्रमीणों को करना पड़ रहा हैं दिक्कतों का सामना

श्रीनयनादेवी  – विख्यात तीर्थस्थल श्रीनयनादेवी जी में आईपीएच विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। लोगों का आरोप है कि जगह-जगह पर पानी की लीकेज तथा रास्तों में बिछाई गई पानी की पाइपों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। आलम यह है कि रात के अंधेरे में यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं है। अंधेरा होने के कारण ही इन स्थानों से कई बार लोग यहां ठोकर खाकर गिर चुके हैं। वहीं इसके लिए काफी हद तक स्थानीय लोगों को भी जिम्मेदार माना जा सकता है। अव्यवस्था के इस आलम में लोगों ने अपनी पेयजल पाइपों को गंदे पानी से भरी नालियों में ही डाल दिया है। गंदगी से भरी नालियों में पेजयल की पानी की पाइपें डालने से लोगों में जलजनित रोग फैलने का भय भी बना हुआ है। क्योंकि अगर कोई पेयजल पाइप लीक हो जाती है तो नाली की गंदगी सीधा पेयजल पाइप में ही जाएगी। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए न तो नगर परिषद ने ही कोई जहमत उठाने का प्रयास किया और न ही संबंधित विभाग इस संदर्भ अभी तक कोई कार्रवाई कर पाया है। विभागीय अनदेखी के चलते लोग अब भी अपनी पेजयल पाइपों को गंदे पानी से भरी नालियों में ही डाले जा रहे हैं। बिना किसी जागरूकता के अगर गंदगी पेयजल पाइपों में चली जाती है तो किसी भयानक बीमारी के फैलने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। वहीं, लोगों ने आईपीएच विभाग पर पेजयल वितरण में भी भाई भतीजावाद अपनाने का आरोप लगाया है। गौर हो वर्तमान समय में श्रीनयनादेवी में विभाग द्वारा हर रोज करीब दस लाख लीटर पानी की सप्लाई दी जा रही है, लेकिन विभागीय लापरवाही से करीब एक लाख लीटर पानी हर रोज व्यर्थ में बह रहा है। विशेष बात यह है कि लोगों को बराबर रूप से पेजयल सुविधा मुहैया करवाने के लिए क्षेत्र में लगे करीब सौ अवैध कनेक्शनों के खिलाफ भी विभाग किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। इस कारण विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। लोगों ने विभाग से गंदी नालियों से भरी पेयजल पाइपों से हटाने और उन्हें बराबर रूप से पानी की सप्लाई उपलब्ध करवाए जाने की मांग की है।


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