मटमैला पानी पीने को मजबूर सुन्नी

By: Jan 27th, 2018 12:05 am

पेयजल योजनाओं में फिल्टरेशन की सुविधा नहीं, सालों से नहीं बदले फिल्टरबेड

सुन्नी  – सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंडल सुन्नी में विभिन्न पेयजल योजनाओं के माध्यम से होने वाली पानी की आपूर्ति से लोगों को मटमैला पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। पहले से ही पानी की किल्लत झेल रहे क्षेत्रवासियों को मिट्टीयुक्त गंदा पानी पीने को विभाग द्वारा बाध्य किया जा रहा है। जानकारों के अनुसार क्षेत्र में हर मौसम में होने वाली अधिकांश बीमारियां पेयजल के कारण ही होती हैं। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंडल सुन्नी के अंतर्गत विभाग द्वारा उठाऊ एवं बहाव पेयजल योजनाओं के माध्यम से ही उपभोक्ताओं को पेयजल आपूर्ति की जाती है। मंडल के तहत तहसील सुन्नी में अधिकांश जगहों पर प्राकृतिक स्रोत सूख जाने के कारण क्षेत्रवासियों को सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। क्षेत्र की कई पेयजल योजनाओं में फिल्टरेशन की सुविधा ही नहीं है। विशेषकर बहाव पेयजल योजनाओं को सीधे नालों से जोड़ा गया है। जिन योजनाओं में फिल्टरबेड बनाए गए हैं उन्हें भी कई वर्षों से बदला नहीं गया है। इस कारण लोगों को गंदा पानी मिल रहा है। नगरपंचायत सुन्नी में ही लोगों को काफी समय से मिट्टी युक्त पानी आबंटित किया जा रहा है। इस बारे लोगों ने कई बार अधिकारियों को भी अवगत करवाया परंतु कोई भी समाधान नहीं निकला। इसी तरह विकास खंड बसंतपुर की सबसे बड़ी पंचायत बसंतपुर में बहाव पेयजल योजना कलवी नाला से आबंटित होने वाला पानी सीधे नाले से जोड़ा गया है। उक्त  योजना में फिल्टर की कोई भी सुविधा न होने के कारण तीन वार्डों के उपभोक्ता गंदा पानी पानी को मजबूर हैं। लोगों के बरतनों में पानी के साथ मिट्टी साफ देखी जा सकती है। उपभोक्ताओं गोपाल, मनमोहन गुप्ता, राजेंद्र भारद्वाज, रमेश, चमन लाल, तोताराम ने बताया कि लोग अरसे से मिट्टीयुक्त पानी पीने को मजबूर हैं। परंतु विभाग स्वच्छ पानी के दावे के बावजूद कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहा है।


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