माघी पर्व पर गिरिपार में दावतों का दौर शुरू

By: Jan 15th, 2018 12:05 am

संगड़ाह— सिरमौर जनपद की सदियों पुरानी लोक संस्कृति व परंपराओं को संजोए रखने के लिए जाने जाते गिरिपार क्षेत्र में माघी त्योहार के दौरान 40 हजार के करीब बकरे कटने के बाद अब पारंपरिक दावतों का दौर शुरू हो चुका है। दोफारी व बियाली आदि कहलाने वाली दावतों का दौर आमतौर पर लोहड़ी के 20 दिन बाद मनाए जाने वाले खोड़ा पर्व तक चलता है। इस दौरान मांसाहारी व शाकाहारी लोगों के लिए अलग-अलग व्यंजन पकाए जाते हैं। मांसाहारी लोगों के लिए जहां माघी त्योहार में कटने वाले बकरों के सूखे मांस से बनने वाले डोली, राड़ मीट, सालना, सीड़ो व खोबले आदि नॉन वेज व्यंजन बनाए जाते हैं। वहीं शाकाहारियों के लिए घी के साथ खाए जाने वाले आटा, घेंडा, सिड़कू, असकली, तेलपक्की व लुश्के आदि पारंपरिक व्यंजन परोसे जाते हैं। विकास खंड संगड़ाह, शिलाई व राजगढ़ की 127 के करीब पंचायतों में माघ महीने में दावतों अथवा मेहमाननवाजी का दौर चलता है। इस दौरान खोड़े पर भी कुछ साधन संपन्न परिवार दूसरा बकरा काटते हैं। खोड़ा व अन्य विशेष दिनों में कई गांव में नाटी, सिरमौरी लोक नृत्य व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

 


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