वेब पोर्टल में डालें हटाए कब्जों की डिटेल

By: Jan 11th, 2018 12:01 am

हाई कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर प्रधान सचिव वन से मांगा जवाब

शिमला— हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह प्रदेश में वन भूमि पर पांच बीघे से अधिक उन अवैध कब्जों को पहले हटाये, जिन्होंने सैकड़ों बीघा में कब्जा किया है। राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रदेश भर में वन भूमि से अवैध कब्जों को हटाया जा रहा है, लेकिन इस बारे में अदालत के समक्ष तथ्यों को पेश नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट ने प्रधान सचिव वन को आदेश दिए है कि वह एक सप्ताह के भीतर वेब पोर्टल बनाए, जिसमें अवैध कब्जों को हटाने बारे जानकारी अपलोड की गई हो। खंडपीठ ने प्रधान सचिव को आदेश दिए कि वह इस बारे अदालत के समक्ष अनुपालना रिपोर्ट दायर करे। मामले की आगामी सुनवाई दो  फरवरी को निर्धारित की गई है। गौरतलब है कि अदालत ने प्रदेश सरकार को आदेश दिए थे कि पांच बीघे से अधिक सभी अवैध कब्जों को हटाया जाए। इसके लिए हाई कोर्ट ने स्थानीय निकाय जैसे, पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद, पुलिस, रेवेन्यू और वन विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। ज्ञात रहे कि प्रदेश हाई कोर्ट ने अवैध कब्जाधारकों को आदेश दिए थे कि वे शपथ पत्र में माध्यम से अदालत को बताए कि वे पालिसी के अनुसार पांच बीघा तक की किस किस्म का अवैध कब्ज़ा रखना चाहते हैं और किस किस्म की पांच बीघे से ऊपर अवैध कब्जे छोड़ना चाहते हैं। अपने पिछले आदेशों में हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा छोटे किसानों को राहत देने के मकसद से तैयार की गई पालिसी को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार इस पालिसी के तहत कार्यवाही कर सकती है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि अदालत ने पालिसी कि वैधता को सही ठहराया है। अदालत ने कहा था  कि  यदि कोई  आपत्ति जताता है, तो अदालत पालिसी को कानूनी तरीके से परख सकती है।


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