शावगा स्कूल में सुनाए वार्षिक परिणाम

By: Jan 1st, 2018 12:05 am

 राजगढ़ — ग्रेड सिस्टम से जहां छात्र-छात्राएं हीन भावना से ग्रसित होने से बच गए हैं, वहीं शिक्षा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता जा रहा है। यह बात जमा दो स्कूल शावगा में सुनाए जा रहे वार्षिक परिणाम के समय रिजल्ट वक्ता ने कही।  उन्होंने कहा कि, जो रिजल्ट अभिभावकों एवं बच्चों के समक्ष सुनाया जा रहा है। ए-ग्रेड में आने वाले बच्चों को खुश तो कर देगा, परंतु बाकी बच्चों को अगली कक्षा में जाने के बावजूद घाटा ही उठाना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार कुछ साल पहले शिक्षा प्रक्रिया में परिवर्तन किया गया था, जिसके तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को फेल न करके अगली कक्षा में बिठाया जाता है। जब से यह सिस्टम लागू किया गया है तब से शिक्षा का स्तर घटता ही जा रहा है। इसी कड़ी में जब रिजल्ट सुनाया गया तो एक बच्चे को पास तो घोषित कर दिया गया, जबकि बच्चे ने मात्र 11 फीसदी अंक ही प्राप्त किए हुए थे। रिजल्ट में 80 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को ए-ग्रेड दिया जाता है, जिसके अनुसार शावगा स्कूल में दूसरी में अर्पिता, तीसरी में नितिका और चौथी कक्षा में अर्पित शामिल है। इसी प्रकार छठी कक्षा में हर्षित एवं आरजू, सातवीं में प्रीतिका एवं धु्रव एवं आठवीं कक्षा में आकाश और समर को ए-ग्रेड दिया गया। याद रहे कि नौवीं कक्षा में ग्रेड सिस्टम लागू नहीं हुआ है, जिसके तहत आशिमा प्रथम, समृद्धि द्वितीय और हर्षित तीसरे स्थान पर रहे। परिणाम सुनाने के बाद एसएमसी एवं अभिभावकों की बैठक देवराज शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें ग्रेड सिस्टम पर चर्चा की गई तथा अपने बच्चों के शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए व्यक्तिगत कोशिश की जाए।


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