सगंध फूलों से महकेगी देवभूमि

By: Jan 19th, 2018 12:01 am

सीएसआईआर संस्थान ने शुरू किया नेशनल अरोमा मिशन

पालमपुर— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने और इसके साथ अनुपयोगी भूमि को उपयोग में लाए जाने की सोच के तहत सीएसआईआर संस्थान ने अरोमा मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत हिमाचल व साथ लगते क्षेत्रों में किसानों को सगंध फूलों की खेती की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं वेस्टलैंड के उपयोग पर भी नजर रखी जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किए गए सीएसआईआर-अरोमा मिशन के तहत हिमाचल के साथ जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड तक के किसानों को सगंध फूलों व पौधों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिन्हें जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते और बाजार में मांग व अच्छे दाम के चलते किसानों की आय बढ़ने की पूरी संभावना है। सीएसआईआर के इस मिशन के तहत जहां विभिन्न कारणों से खेती से दूर हो रहे किसानों को फिर खेती से जोड़ा जा सकेगा, वहीं ऐसी भूमि के उपयोग की संभावना भी बनेगी, जिसका फिलवक्त कोई उपयोग नहीं हो रहा। प्रदेश की भौगोलिक संरचना के आधार पर सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने अलग-अलग ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अलग-अलग किस्म के फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है। मैदानी, मध्य पवर्तीय व पवर्तीय क्षेत्रों में अधिक उत्पादन देने वाले फूलों की किस्में तैयार करवाई जाएंगी, ताकि किसान अधिक से अधिक लाभ ले सकें। प्रदेश में लेमन ग्रास, गुलाब, जंगली गेंदा सहित अन्य फूलों की खेती की जाएगी।

जानवरों की चिंता नहीं, कमाई भी

अरोमा मिशन के तहत किसानों को ऐसे सगंध फूलों व पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिन्हें जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते। इनमें अधिकतर ऐसी किस्में हैं, जिनकी खास महक से बंदर दूर रहते हैं। आज के दौर में जब किसान जानवरों द्वारा पहुंचाए जा रहे नुकसान के चलते खेती छोड़ रहे हैं, वहीं अरोमा मिशन से किसानों को एक नई दिशा मिलने की संभावना है। खबर की पुष्टि सीएसआईआर-आईएचबीटी के निदेशक डा. संजय कुमार ने की है।


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