सीएम भी नए, सीएलपी नेता भी

By: Jan 9th, 2018 12:01 am

इस बार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कई वरिष्ठ नेता नहीं आएंगे नजर

शिमला – हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र इस बार कई मायनों में अनूठा होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी इस पद पर नए हैं तो सीएलपी नेता मुकेश अग्निहोत्री भी। दोनों को पहली बार ही इस सीट के नए अनुभव होंगे। हालांकि सदन की कार्यवाही का उनका तजुर्बा बीस सालों से भी ज्यादा का है। इस बार कई राजनीतिक पुरोधा सदन में नहीं पहुंच पाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. धूमल के साथ-साथ गुलाब सिंह ठाकुर, रविंद्र रवि और सतपाल सिंह सत्ती जैसे वे नेता चुनाव नहीं जीत पाए, जो अब तक विपक्ष में रहते कांग्रेस पर हमेशा भारी पड़ते दिखते थे। यही आलम कांग्रेस का भी होगा। वीरभद्र सिंह तो विधानसभा पहुंच चुके हैं, मगर उनकी टीम के वरिष्ठ सहयोगी रहे कौल सिंह ठाकुर, जीएस बाली, सुधीर शर्मा, ठाकुर सिंह भरमौरी, राजेश धर्माणी और बंबर ठाकुर भी चुनाव नहीं जीत सके। मुश्किल अवसरों पर वीरभद्र की यह पुरानी टीम भाजपा से सियासी तौर पर दो-दो हाथ करती थी। हालांकि इस बार श्रीनयनादेवी जी से रामलाल ठाकुर सदन में पहुंचे हैं। वीरभद्र सिंह के अपने पुत्र विक्रमादित्य भी पहली बार चुनाव जीत कर आए हैं। उनकी परफारमेंस पर भी नजरें टिकी है। इस बार सदन में दोनों तरफ नए विधायकों को अपनी मौजूदगी दर्शाने का पूरा मौका मिलेगा। क्योंकि वरिष्ठ नेता इस बार सदन नहीं पहुंच सके हैं।  स्पीकर व डिप्टी स्पीकर भी नए होंगे। पांवटा से चुनाव जीत कर आए पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता डा. राजीव बिंदल स्पीकर की चेयर को सुशोभित कर सकते हैं। सदन में डा. बिंदल हमेशा से अक्रामक मुद्रा में दिखते रहे हैं। बतौर मंत्री उन्होंने हमेशा विपक्ष को निरुत्तर करने में कसर नहीं छोड़ी। अब इस तटस्थ सीट पर बैठ कर उनका भी नया अनुभव होगा।   सोमवार को कांग्रेस व भाजपा विधायक दलों की बैठकें हो चुकी हैं। इसमें वेट एंड वॉच के ही तहत अगला कदम उठाने की रणनीति बनाए जाने की सूचना है।

 


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