सेना में कैप्टन बने मलारी के राजेश कुमार
बरठीं— भारतीय फौज में झंडूता तहसील के मलारी गांव के राजेश कुमार मैहता कैप्टन बने हैं। इस उपलब्धि पर जहां उनके निवास स्थान मलारी में घर के सदस्यों सहित संबंधियों ने मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई, वहीं उनके पैतृक गांव मसौर में भी खुशी की लहर है। गणतंत्र दिवस के मौके पर फैजाबाद सेंटर में डिप्टी कमांडेंट कर्नल साजीजॉन व सेंटर सूबेदार मेजर कर्म सिंह ने उन्हें इस ओहदे से नवाजा और शुभकामनाएं दीं। गौर रहे कि 24 मई 1989 को फौज में सिपाही भर्ती हुए राजेश मैहता एक खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने खेल के मैदान व फौज की गतिविधियों में कभी पीछे हटकर नहीं देखा तथा हैंडबाल में चार बार फेडरेशन कप, 13 बार इंटरसर्विसेज, आठ बार नेशनल तथा तीन बार नेशनल गेम्ज खेलते हुए उन्होंने हैंडबाल खेल में विरोधी टीमों के दांत खट्टे करके अपने दमखम का लोहा मनवाया। उन्हें साथी खिलाड़ी ग्राउंड हीरो के नाम से भी जानते हैं। 46 वर्ष की आयु में कैप्टन पद हासिल करने वाले इस जांबाज सिपाही ने न केवल खेलों में बल्कि आरआर इंटेलिजेंस में देश की सरहदों पर भी बखूबी अपनी सेवाएं दी हैं। फैजाबाद डोगरा सेंटर में एक प्रखर कोच के रूप में आज भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। राजेश मैहता ने बताया कि उनके पिता स्व. भाग सिंह भी फौज से सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए थे, जबकि वह तीन भाइयों में मंझले हैं। बचपन से ही मां-बाप के साथ सब लोगों का सहयोग उन्हें खेल के लिए मिलता रहा। उन्होंने फौज में आज दिन तक की सफलता के पीछे उनके चाहने वालों का ही हाथ बताया है।
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